देहरादून में पहली बार आयोजित एशियन आइस स्केटिंग ट्रॉफी में भारतीय खिलाड़ियों ने शानदार प्रदर्शन करते हुए इतिहास रच दिया। बर्फ पर संतुलन और गति का अद्भुत मेल दिखाते हुए भारतीय स्केटर्स ने कुल 13 पदक अपने नाम किए। खास बात यह रही कि अधिकांश मेडल जूनियर श्रेणी के प्रतिभागियों ने हासिल किए, जिनमें से कई खिलाड़ियों ने हाल ही में आइस स्केटिंग की ट्रेनिंग शुरू की थी।
जब देशभर से आए स्केटर्स ने धवल आइस रिंक पर अपनी प्रतिभा दिखाई, तो दर्शक और आयोजक दोनों रोमांचित हो उठे। विजेताओं ने अब आने वाली अंतरराष्ट्रीय प्रतियोगिताओं में भी भारत को पदक दिलाने का वादा किया है।
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पदक विजेता खिलाड़ी
स्वरा सिरीश कलमकार – स्वर्ण पदक
पुणे की नौ वर्षीय स्वरा सिरीश कलमकार ने जूनियर एफ बालिका वर्ग की 333 मीटर रेस में स्वर्ण पदक जीतकर सबको चौंका दिया। कक्षा तीन की छात्रा स्वरा रोलर स्केटिंग में पहले ही राष्ट्रीय स्तर पर रजत और कांस्य पदक जीत चुकी हैं। मात्र दो महीने पहले उन्होंने आइस स्केटिंग का अभ्यास शुरू किया था और सीधे एशियन ट्रॉफी में हिस्सा लिया। अपनी सफलता का श्रेय उन्होंने पिता और कोच को दिया।
ईवान अरोड़ा – स्वर्ण पदक
चंडीगढ़ के सात वर्षीय ईवान अरोड़ा ने जूनियर एफ बालक वर्ग की 333 मीटर दौड़ में स्वर्ण पदक जीता। कक्षा दो के छात्र ईवान पहले रोलर स्केटिंग में भी राष्ट्रीय स्तर पर मेडल जीत चुके हैं। उन्होंने कहा कि उनकी मां ने उन्हें हमेशा खेलों के लिए प्रेरित किया। ईवान का सपना है कि वे भविष्य में भारत को अंतरराष्ट्रीय स्तर पर गौरवान्वित करें।
मृत्युंजय त्रिपाठी – रजत पदक
पुणे के मृत्युंजय त्रिपाठी ने जूनियर एफ बालक 333 मीटर प्रतियोगिता में रजत पदक अपने नाम किया। तीसरी कक्षा के विद्यार्थी मृत्युंजय ने केवल दो महीने पहले आइस स्केटिंग की शुरुआत की थी। इससे पहले वे रोलर स्केटिंग और दक्षिण-पूर्व एशियन ट्रॉफी में भी पदक जीत चुके हैं। उन्होंने कहा कि अगली बार वे भारत के लिए स्वर्ण पदक जरूर लाएंगे।
मदीहा मुस्तफा – कांस्य पदक
लद्दाख की मदीहा मुस्तफा ने जूनियर एफ बालिका 333 मीटर दौड़ में कांस्य पदक हासिल किया। बचपन से ही झीलों पर आइस स्केटिंग करती रहीं मदीहा ने हाल ही में प्रोफेशनल ट्रेनिंग लेना शुरू किया था। रोलर स्केटिंग में भी वह पहले कई पदक जीत चुकी हैं। मदीहा ने कहा कि वह आने वाले समय में और भी मेडल भारत के नाम करना चाहती हैं।
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आने वाला कल
भारतीय खिलाड़ियों का यह प्रदर्शन उम्मीद से कहीं बेहतर रहा। विशेषकर जूनियर श्रेणी के प्रतिभागियों ने साबित कर दिया कि कठिन परिश्रम और समर्पण से कम समय में भी बड़ी उपलब्धि पाई जा सकती है। आयोजकों का मानना है कि यह प्रतियोगिता भारत में आइस स्केटिंग को नई पहचान दिलाएगी और आने वाले वर्षों में देश के खिलाड़ी अंतरराष्ट्रीय स्तर पर और भी मजबूत दावेदारी करेंगे।