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उत्तर प्रदेश के एक शहर में नगर निगम परिसर में चोरी की कोशिश का बड़ा खुलासा हुआ है। पुलिस की जांच में सामने आया है कि यह कोई आम चोरी नहीं थी, बल्कि एक पूरी तरह से सोची-समझी साजिश थी, जिसमें दो लोग शामिल थे। एसएसपी ने मीडिया को जानकारी देते हुए बताया कि कुलदीप नाम का युवक, जो एक निजी कंपनी में काम करता है, इस साजिश में शामिल था।

 

चार मई की रात कुलदीप को नगर निगम के बाहर खड़ा किया गया था। उसका काम था अंदर चोरी करने वाले अपने साथी की मदद करना और बाहर से नजर रखना कि कहीं कोई पुलिस या आम व्यक्ति तो नहीं आ रहा। अगर कोई हरकत होती, तो कुलदीप तुरंत सूचना देकर अपने साथी को वहां से निकलने में मदद करता। इस तरह वह एक तरह से “सुरक्षा निगरानी” का काम कर रहा था – लेकिन चोरी के लिए।

 

इसी रात कुलदीप का साथी, जो अब पुलिस की गिरफ्त में है, नगर निगम के पिछले दरवाजे से भीतर दाखिल हुआ। उन्होंने पहले से ही योजना बना रखी थी कि कौन सा रास्ता अपनाना है, कहां से चढ़ना है और कैसे ताला तोड़ना है। आरोपी ने वहां पहले से रखी गई एक लंबी सीढ़ी का इस्तेमाल किया, जिससे वह सीधे स्टोर रूम तक पहुंच गया। स्टोर रूम में पहुंचने के बाद उसने अपने साथ लाए गए बड़े पेचकस (स्क्रूड्राइवर) की मदद से ताले को तोड़ा और अंदर घुस गया।

 

स्टोर रूम में क्या चोरी करने का इरादा था, इस पर पुलिस अभी जांच कर रही है। प्रारंभिक जांच में ऐसा लगता है कि वहां रखे कुछ जरूरी दस्तावेज़ या सामान उनके निशाने पर थे, लेकिन इससे पहले कि वे कुछ हासिल कर पाते, पुलिस को सूचना मिल गई और उन्हें पकड़ लिया गया।

 

एसएसपी ने बताया कि दोनों आरोपियों के खिलाफ केस दर्ज कर लिया गया है और आगे की पूछताछ जारी है। पुलिस यह भी जानने की कोशिश कर रही है कि इस साजिश में कहीं और लोग तो शामिल नहीं थे।

 

इस घटना के बाद नगर निगम में सुरक्षा को लेकर सवाल खड़े हो गए हैं। अब वहां सुरक्षा व्यवस्था को और पुख्ता किया जा रहा है ताकि भविष्य में ऐसी कोई घटना

न हो सके।

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