उत्तराखंड महिला एवं बाल विकास समिति की बैठक में मुख्य सचिव राधा रतूड़ी ने महिला सशक्तीकरण से जुड़ी विभिन्न योजनाओं के ऑडिट की आवश्यकता जताई। बैठक में उन्होंने निर्देश दिए कि महिला सशक्तीकरण योजनाओं के प्रभाव का मूल्यांकन किया जाए और यह जाना जाए कि अब तक कितनी महिलाओं को इन योजनाओं का लाभ मिला है।
मुख्य सचिव ने सभी योजनाओं का प्रदर्शन ऑडिट कराने का आदेश दिया ताकि यह स्पष्ट हो सके कि कौन सी योजना अपने लक्ष्यों को प्राप्त करने में सफल रही है और कौन सी योजना अपेक्षित परिणाम नहीं दे पा रही है। इसके अलावा, अधिकारियों से महिला सशक्तीकरण योजनाओं के लाभार्थियों की सही जानकारी की मांग की गई है।
बैठक के दौरान राधा रतूड़ी ने कहा कि महिला सशक्तीकरण की योजनाओं में गुणवत्ता को सुधारने के लिए योजनाओं के लक्षित वर्ग पर प्रभाव का मूल्यांकन किया जाए। इस कार्य में सचिव स्तर पर नए ड्राफ्ट पर काम करने की जिम्मेदारी भी तय की गई। उन्होंने अधिकारियों को निर्देश दिए कि वे योजनाओं के लाभार्थियों तक अधिकतम लाभ पहुँचाने के लिए प्रभावी तरीके से मूल्यांकन करें।
मुख्य सचिव ने मुख्यमंत्री महिला सतत आजीविका योजना के तहत महिला योजनाओं को अन्य विभागों की योजनाओं से जोड़ने के लिए सचिव महिला सशक्तीकरण एवं बाल विकास को निर्देश दिए। साथ ही, उन्होंने बालिका शिक्षा को प्रोत्साहित करने के लिए मेधावी छात्राओं के लिए शैक्षिक भ्रमण की योजना पर काम करने की भी बात की।
इसके अतिरिक्त, उन्होंने दूरस्थ क्षेत्रों में महिलाओं और बालिकाओं को मासिक धर्म के दौरान स्वच्छता बनाए रखने के लिए आंगनबाड़ी के माध्यम से सैनेटरी नैपकिन वितरण की कार्ययोजना बनाने का निर्देश दिया। साथ ही, महिलाओं में एनीमिया के उन्मूलन के लिए जन अभियान चलाने की आवश्यकता पर भी जोर दिया।
बैठक में सचिव चंद्रेश यादव, विनय शंकर पांडेय, नीरज खैरवाल सहित अन्य विभागों के अधिकारी भी उपस्थित रहे।