Badrinath uttrakhand :उत्तराखंड के चमोली जिले में स्थित पवित्र बदरीनाथ धाम की यात्रा कर लौट रहे दो युवकों के साथ बुधवार शाम एक बेहद दर्दनाक हादसा हो गया। यह घटना बदरीनाथ हाईवे पर स्थित टैया पुल के पास हुई, जहां एक विशाल बोल्डर उनके ऊपर आ गिरा। हादसे में दोनों युवकों की मौके पर ही मौत हो गई।
दर्शन कर लौट रहे थे श्रद्धालु
मृतकों की पहचान हरियाणा के यमुनानगर जिले के जटलाना थाना क्षेत्र के निवासी सचिन कुमार (30 वर्ष) पुत्र सोमप्रकाश और रवि कुमार (26 वर्ष) पुत्र कवरपाल के रूप में हुई है। दोनों युवक बदरीनाथ मंदिर में दर्शन के लिए उत्तराखंड आए थे और दर्शन के बाद बाइक से वापस लौट रहे थे।
बुधवार की शाम लगभग छह बजे जब वे टैया पुल के पास पहुंचे, उसी समय ऊपर से अचानक चट्टान से भारी पत्थर टूटकर उनकी बाइक पर आ गिरा। यह पत्थर इतना भारी था कि बाइक का संतुलन बिगड़ गया और दोनों युवक गहरी खाई में जा गिरे।
मौके पर मचा हड़कंप
हादसे की जानकारी मिलते ही स्थानीय लोगों और आसपास के यात्रियों में हड़कंप मच गया। तुरंत पुलिस और रेस्क्यू टीम को सूचना दी गई। पुलिस जब घटनास्थल पर पहुंची, तो बाइक हाईवे पर गिरी हुई मिली, जबकि दोनों युवक नीचे खाई में गिरे थे। रेस्क्यू टीम ने बिना समय गंवाए राहत और बचाव कार्य शुरू किया और दोनों को खाई से बाहर निकाला गया।
अस्पताल में डॉक्टरों ने किया मृत घोषित
पुलिस द्वारा रेस्क्यू कर दोनों घायलों को तुरंत नजदीकी अस्पताल ले जाया गया, लेकिन दुर्भाग्यवश डॉक्टरों ने उन्हें मृत घोषित कर दिया। युवकों की मौत की खबर उनके परिजनों को दे दी गई है, और शवों को पोस्टमार्टम के लिए भेज दिया गया है।
उत्तराखंड में भू-स्खलन का खतरा
गौरतलब है कि उत्तराखंड के पर्वतीय क्षेत्रों में बारिश के मौसम में अक्सर भू-स्खलन और चट्टानों के गिरने की घटनाएं सामने आती हैं। विशेष रूप से चारधाम यात्रा मार्गों पर, जैसे बदरीनाथ और केदारनाथ मार्गों पर, यात्रियों को ऐसी दुर्घटनाओं का खतरा बना रहता है।
बदरीनाथ हाईवे एक संवेदनशील क्षेत्र है, जहां कई जगहों पर सड़कें खड़ी पहाड़ियों से सटी हुई हैं। बारिश या हलकी सी भी भू-गति से चट्टानें खिसक सकती हैं। ऐसे में स्थानीय प्रशासन द्वारा लगातार चेतावनी जारी की जाती है कि यात्री सावधानीपूर्वक यात्रा करें और मौसम की जानकारी लेकर ही आगे बढ़ें।
प्रशासन ने जताया दुख, सावधानी बरतने की अपील
चमोली जिला प्रशासन और पुलिस विभाग ने इस दुर्घटना पर गहरा शोक व्यक्त किया है। अधिकारियों ने कहा कि श्रद्धालुओं की सुरक्षा को लेकर सभी आवश्यक कदम उठाए जा रहे हैं। साथ ही यात्रियों से अपील की गई है कि वे खासकर पहाड़ी मार्गों पर यात्रा के दौरान विशेष सतर्कता बरतें।
प्रशासन की ओर से यह भी कहा गया कि भारी बारिश या चट्टानों के गिरने की आशंका वाले क्षेत्रों में यात्रा करने से पहले स्थानीय मौसम विभाग की जानकारी जरूर लें।
स्थानीय लोगों ने भी जताया दुख
हादसे के बाद स्थानीय लोगों ने भी घटना पर दुख व्यक्त किया। कई लोगों का कहना है कि इस क्षेत्र में सुरक्षा के लिए और अधिक इंतजाम किए जाने चाहिए। कुछ जगहों पर सुरक्षात्मक जाल और चेतावनी बोर्ड लगाए जाने की जरूरत है ताकि यात्रियों को संभावित खतरे की जानकारी मिल सके।
यह दुखद घटना एक बार फिर इस बात की याद दिलाती है कि हिमालयी क्षेत्रों में यात्रा करते समय सावधानी और सतर्कता कितनी आवश्यक होती है। बदरीनाथ जैसे पवित्र तीर्थ स्थलों की यात्रा निश्चित रूप से आत्मिक सुख और शांति देती है, लेकिन प्राकृतिक आपदाओं की संभावनाएं भी उतनी ही वास्तविक हैं। ऐसे में श्रद्धालुओं को अपने जीवन की सुरक्षा के लिए हमेशा तैयार रहना चाहिए और प्रशासन द्वारा जारी दिशानिर्देशों का पालन करना चाहिए।