देहरादून/टनकपुर: उत्तराखंड में त्रिस्तरीय पंचायत चुनाव जैसे-जैसे नजदीक आ रहे हैं, वैसे-वैसे राज्य में नशा तस्करी और अवैध शराब के मामलों में तेजी देखी जा रही है। चुनावों के दौरान समाज को सुरक्षित और निष्पक्ष बनाए रखने के लिए प्रशासन ने सख्ती दिखाते हुए कई बड़ी कार्रवाई की है। ताजा घटनाक्रम में आबकारी विभाग और पुलिस की संयुक्त टीम ने देहरादून में बड़ी मात्रा में अवैध शराब पकड़ी है, वहीं दूसरी ओर टनकपुर और पिथौरागढ़ में एमडीएमए जैसे खतरनाक ड्रग्स का उत्पादन और तस्करी करने वाले गिरोह का पर्दाफाश किया गया है।
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देहरादून में अवैध शराब की बड़ी खेप पकड़ी गई, दो गिरफ्तार
आगामी पंचायत चुनावों को देखते हुए आबकारी आयुक्त अनुराधा पाल ने राज्यभर में विशेष निगरानी अभियान शुरू कराया है। इसी के तहत देहरादून जनपद में प्रवर्तन दल की प्रभारी प्रेरणा बिष्ट, निरीक्षक शिव प्रसाद व्यास और विजेंद्र भंडारी के नेतृत्व में एक संयुक्त कार्रवाई की गई।
गुप्त सूचना के आधार पर पुलिस और आबकारी विभाग की टीम ने कोटी कनासर क्षेत्र में एक पिकअप वाहन को रोका। तलाशी के दौरान उस वाहन से 60 पेटी अवैध शराब बरामद की गई, जिसे हिमाचल प्रदेश से देहरादून लाया जा रहा था। मौके से दो तस्करों को गिरफ्तार किया गया और वाहन को सीज कर दिया गया।
इस कार्रवाई में निरीक्षक वीरेंद्र कुमार और रीना रौथाण भी शामिल रहे। गिरफ्तार आरोपियों से पूछताछ की जा रही है ताकि यह पता चल सके कि इसके पीछे कौन-कौन लोग शामिल हैं और यह शराब कहां-कहां सप्लाई की जानी थी।
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STF ने एमडीएमए ड्रग सिंडिकेट का किया भंडाफोड़, इंटरस्टेट नेटवर्क का खुलासा
इस बीच, उत्तराखंड पुलिस की स्पेशल टास्क फोर्स (STF) ने एक अंतरराज्यीय ड्रग सिंडिकेट का भंडाफोड़ किया है जो एमडीएमए (MDMA) जैसे खतरनाक नशीले पदार्थ का निर्माण कर रहा था। यह गिरोह मुंबई से लेकर उत्तराखंड के शांत और दूरदराज क्षेत्रों तक फैला हुआ था।
कुनाल कोहली था गिरोह का मास्टरमाइंड
इस गिरोह का सरगना कुनाल कोहली था, जो मुंबई में भीम यादव, मोनू उर्फ ओम गुप्ता, बल्ली राम गुप्ता और नवीन नेपाली से जुड़ा था। वर्ष 2024 में जब मोनू और भीम पर नारकोटिक्स एक्ट के तहत केस दर्ज हुआ, तो कुनाल ने उन्हें उत्तराखंड के टनकपुर (गैंडाखाली) क्षेत्र में शिफ्ट कर दिया।
यहां पर उन्होंने नरेश शकारी और रोशन कोहली से संपर्क कर, पहाड़ों के बीच एकांत में एक ड्रग फैक्ट्री लगाने की योजना बनाई।
बनारस से टनकपुर और फिर सुवालेख तक
शुरुआत में इस गिरोह ने बनारस में एमडीएमए बनाने की फैक्ट्री शुरू की थी, लेकिन जब यूपी पुलिस ने वहां छापा मारा, तो आरोपी टनकपुर भाग आए। इसके बाद उन्होंने सुवालेख में एक पोल्ट्री फार्म की आड़ में ड्रग बनाने का काम दोबारा शुरू किया। STF की जांच में पता चला है कि वहां 5 से 6 किलो एमडीएमए तैयार किया गया था।
मुंबई पुलिस की कार्रवाई के बाद नेपाल भागे आरोपी
गिरोह के सप्लायर बल्ली राम गुप्ता की मुंबई में गिरफ्तारी के बाद नेटवर्क में हलचल मच गई। इसके बाद 27 जून को मुंबई पुलिस ने पिथौरागढ़ में ड्रग फैक्ट्री पर छापा मारा, जहां से केमिकल, उपकरण और अन्य सबूत बरामद किए गए।
इस कार्रवाई के तुरंत बाद मुख्य आरोपी कुनाल कोहली, मोनू गुप्ता, भीम यादव, और राहुल अलग-अलग रास्तों से नेपाल भाग निकले। उनके खिलाफ इंटरस्टेट लुकआउट नोटिस जारी कर दिया गया है और जांच एजेंसियां नेपाल पुलिस से भी समन्वय कर रही हैं।
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चुनाव से पहले सख्ती, प्रशासन हाई अलर्ट पर
चुनावों के चलते प्रशासनिक और पुलिस अधिकारी अब पूरी तरह से सतर्क हो चुके हैं। राज्य के सीमावर्ती क्षेत्रों में गश्त बढ़ा दी गई है और हर वाहन की कड़ाई से जांच की जा रही है। इसके साथ ही ड्रग माफियाओं और तस्करों के खिलाफ लगातार छापेमारी की जा रही है।
यह पूरी कार्रवाई यह दर्शाती है कि उत्तराखंड प्रशासन और सुरक्षा एजेंसियां नशे और अपराध के खिलाफ गंभीर हैं। पंचायत चुनावों को शांतिपूर्ण और निष्पक्ष तरीके से सम्पन्न कराने के लिए हर जरूरी कदम उठाया जा रहा है।

