उत्तराखंड में भ्रष्टाचार के खिलाफ एक बड़ी कार्रवाई के तहत विजिलेंस विभाग ने कृषि उत्पादन मंडी समिति के प्रभारी सचिव पूरन सिंह सैनी को 1.20 लाख रुपये की रिश्वत लेते हुए गिरफ्तार कर लिया है। बताया जा रहा है कि यह रकम उन्होंने मंडी में दुकानों के लाइसेंस रिन्यूअल के नाम पर दो व्यापारियों से मांगी थी।
कई वर्षों से चला रहे थे दुकान, अधिकारी ने मांगी मोटी रकम
शिकायतकर्ताओं शफायत चौधरी और शकील चौधरी का कहना है कि वे करीब 9-10 वर्षों से मंडी में दुकान चला रहे हैं। हर साल की तरह इस बार भी लाइसेंस नवीनीकरण की प्रक्रिया शुरू हुई थी, जिसमें करीब 30 दुकानों का नवीनीकरण किया जाना था। इस प्रक्रिया में प्रभारी सचिव ने उनसे जबरन मोटी रकम की मांग की।
विजिलेंस की छापेमारी से मंडी में हड़कंप
शिकायत मिलने के बाद विजिलेंस टीम ने रणनीति बनाकर कार्रवाई की और रिश्वत लेते ही आरोपी अधिकारी को रंगेहाथ पकड़ लिया। इस गिरफ्तारी की खबर फैलते ही मंडी परिसर में अफरा-तफरी मच गई और कई व्यापारी व कर्मचारी मौके पर जमा हो गए। फिलहाल टीम की पूछताछ जारी है और कोई आधिकारिक बयान अभी तक जारी नहीं हुआ है।
रिटायरमेंट से पहले ही गिरफ्तारी
सूत्रों के अनुसार, पूरन सिंह सैनी को दो महीने पहले ही प्रभारी सचिव के रूप में पदभार मिला था। इससे पहले वह मंडी समिति में दो दशक तक अकाउंटेंट के पद पर काम कर चुके हैं। वे लगभग 7-8 महीने में सेवानिवृत्त होने वाले थे।
पूर्व में भी लग चुके हैं भ्रष्टाचार के आरोप
व्यापारियों ने यह भी बताया कि पूरन सिंह सैनी पर पहले भी भ्रष्टाचार के आरोप लग चुके हैं। उन पर कार्रवाई की मांग की गई थी, लेकिन तब कोई ठोस कदम नहीं उठाया गया।
250 रुपये की फीस के बदले 60 हजार की वसूली
मंडी के व्यापारियों के अनुसार, लाइसेंस रिन्यूअल की वास्तविक फीस केवल ₹250 है, लेकिन अधिकारियों द्वारा फल मंडी में ₹60,000 और अनाज मंडी में ₹35,000 तक की अवैध वसूली की जाती रही है।