उत्तराखंड पंचायत चुनाव में इस बार भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) ने शानदार प्रदर्शन किया है। इन चुनावों को 2027 के विधानसभा चुनावों का सेमीफाइनल माना जा रहा है। राज्य के ज्यादातर जिलों में भाजपा समर्थित उम्मीदवारों ने जिला पंचायत अध्यक्ष की सीट अपने नाम की, जबकि कांग्रेस को केवल देहरादून जिले में जीत मिली है।
हरिद्वार में पंचायत चुनाव नहीं हुए, वहीं नैनीताल में परिणाम अभी घोषित नहीं हो सका है। यहां कांग्रेस और भाजपा कार्यकर्ताओं के बीच विवाद के चलते मामला हाईकोर्ट तक पहुंच गया है।
किस जिले में कौन बना अध्यक्ष
यूएस नगर – अजय मौर्य (भाजपा)
चंपावत – आनंद सिंह अधिकारी (भाजपा)
पिथौरागढ़ – जितेंद्र प्रसाद (भाजपा)
उत्तरकाशी – रमेश चौहान (भाजपा)
चमोली – दौलत सिंह बिष्ट (भाजपा)
अल्मोड़ा – हेमा गैड़ा (भाजपा)
रुद्रप्रयाग – पूनम कठैत (भाजपा)
पौड़ी – रचना बुटोला (भाजपा)
बागेश्वर – शोभा आर्या (भाजपा)
देहरादून – सुखविंदर कौर (कांग्रेस)
टिहरी – इशिता सजवाण (भाजपा)
(नैनीताल का नतीजा बाकी, हरिद्वार में चुनाव नहीं हुए)
निर्दलीयों की भूमिका
जिला पंचायत सदस्य की 358 सीटों में से 145 पर निर्दलीय उम्मीदवार जीते। भाजपा समर्थित उम्मीदवारों ने 121 और कांग्रेस समर्थित उम्मीदवारों ने 92 सीटें हासिल कीं। निर्दलीयों ने कई जगह निर्णायक भूमिका निभाई। उदाहरण के तौर पर, देहरादून में कांग्रेस के पास 13 सदस्य थे, लेकिन चार निर्दलीयों के समर्थन से जिला पंचायत अध्यक्ष की सीट पर जीत दर्ज की। इसी तरह भाजपा को भी कई जिलों
में निर्दलीयों से फायदा मिला।