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बॉम्बे हाईकोर्ट ने पॉलिसीधारकों को बड़ी राहत देते हुए फैसला सुनाया है कि अगर किसी व्यक्ति को मोटर वाहन अधिनियम के तहत किसी दुर्घटना में चोट लगने के बाद मुआवजा मिलता है, तो उसकी मेडिक्लेम पॉलिसी की राशि इसमें से नहीं काटी जाएगी। यानी, व्यक्ति को इलाज के लिए दोनों तरह की सहायता मिलेगी—एक मेडिक्लेम पॉलिसी से और दूसरी मुआवजे के रूप में।

 

कोर्ट का कहना है कि मेडिक्लेम पॉलिसी और मोटर वाहन अधिनियम के तहत मिलने वाला मुआवजा दो अलग-अलग चीजें हैं। मेडिक्लेम पॉलिसी एक बीमा योजना होती है, जिसके तहत व्यक्ति पहले से ही प्रीमियम भरता है और इलाज के लिए बीमा कंपनी से राशि प्राप्त करता है। दूसरी ओर, मोटर वाहन अधिनियम के तहत मिलने वाला मुआवजा दुर्घटना में घायल व्यक्ति को दी जाने वाली कानूनी सहायता होती है, जिसे जिम्मेदार पक्ष या बीमा कंपनी चुकाती है।

 

हाईकोर्ट का यह फैसला उन लोगों के लिए राहत भरा है, जो सड़क दुर्घटनाओं में घायल होते हैं और इलाज के लिए मेडिक्लेम और मुआवजे दोनों की उम्मीद रखते हैं। इससे पहले, कई मामलों में बीमा कंपनियां मुआवजे की राशि से मेडिक्लेम की रकम घटा देती थीं, जिससे पीड़ित को पूरी सहायता नहीं मिल पाती थी। लेकिन अब, इस फैसले के बाद, बीमाधारकों को उनके हक की पूरी राशि मिलेगी, जिससे उनके इलाज में कोई बाधा नहीं आएगी।

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