देहरादून जिले के मसूरी स्थित एमपीजी कॉलेज में सोमवार को छात्रों और प्रशासन के बीच जमकर विवाद हो गया। मौजूदा और पूर्व छात्रों ने कॉलेज प्रबंधन के खिलाफ मोर्चा खोलते हुए कई आरोप लगाए।
शिक्षा की गुणवत्ता पर सवाल
छात्रों और एबीवीपी से जुड़े प्रतिनिधियों का कहना है कि कॉलेज में पढ़ाई का स्तर लगातार गिर रहा है। कुछ शिक्षक अनुशासनहीन व्यवहार करते हैं और छात्रों से अभद्रता करते हैं। छात्रों का आरोप है कि प्राचार्य अनिल चौहान उनकी शिकायतों को गंभीरता से नहीं लेते और जानबूझकर परेशान करते हैं।
पुलिस बुलाने पर भड़के छात्र
सोमवार को जब छात्र अपनी समस्याएं लेकर प्राचार्य से मिलने पहुंचे तो उन्होंने पुलिस को बुला लिया। छात्रों ने इसे अपनी आवाज दबाने की कोशिश बताया और विरोध में नारेबाजी शुरू कर दी।
गुप्त बैठक और विवाद
मामला बढ़ने पर नगर पालिका अध्यक्ष मीरा सकलानी अन्य सभासदों के साथ कॉलेज पहुंचीं और प्राचार्य कार्यालय में बैठक की। लेकिन इसमें मीडिया और पूर्व छात्रों को शामिल होने नहीं दिया गया, जिससे छात्रों में और गुस्सा फैल गया।
शिक्षिका पर गुप्त वीडियो बनाने का आरोप
बैठक के दौरान हंगामा तब बढ़ गया जब एक छात्रा ने एक शिक्षिका को मोबाइल से छिपकर वीडियो रिकॉर्ड करते हुए पकड़ लिया। आरोप है कि इस दौरान शिक्षिका ने मीरा सकलानी के साथ अपमानजनक व्यवहार भी किया। इस घटना से छात्रों का गुस्सा और भड़क गया।
इस्तीफे की मांग और प्रदर्शन
विवाद के बाद छात्रों ने प्राचार्य कार्यालय के बाहर जमकर प्रदर्शन किया और अनिल चौहान के इस्तीफे की मांग की। गुस्साए छात्रों ने ऑफिस के बाहर लगी सूचना पट्टिका भी तोड़ दी।
माफी और अनुशासनात्मक कार्रवाई
प्राचार्य ने संबंधित शिक्षिका से मीरा सकलानी से माफी मंगवाई, लेकिन मीरा सकलानी ने इसे पर्याप्त नहीं माना और अनुशासनात्मक कार्रवाई करने का निर्देश दिया। उनका कहना था कि कॉलेज की गरिमा से खिलवाड़ बर्दाश्त नहीं किया जाएगा।
मीडिया से दूरी और आंदोलन की चेतावनी
विवाद बढ़ने के बाद मीरा सकलानी और प्राचार्य दोनों ने मीडिया से बात करने से परहेज किया। वहीं छात्रों ने चेतावनी दी है कि यदि एक सप्ताह के भीतर कार्रवाई नहीं हुई तो वे बड़ा आंदोलन करेंगे। नगर पालिका सभासद अमित भट्ट और पूर्व छात्र संघ अध्यक्ष गौरव गुप्ता ने भी प्राचार्य को हटाने की मांग का समर्थन किया।
मसूरी का यह विवाद अब छात्रों और कॉलेज प्रशासन के बीच गंभीर टकराव का रूप ले चुका है। आने वाले दिनों में शिक्षा विभाग और सरकार की भूमिका अहम रहने वाली है।