उत्तराखंड में बारिश का कहर लगातार जारी है। बुधवार रात चमोली जिले के नंदानगर क्षेत्र में बादल फटने से भारी तबाही मच गई। कुंतरी, फाली, सैंती, भैंसवाड़ा और धुर्मा गांवों के ऊपर पहाड़ी से आए मलबे ने दर्जनों घरों को चपेट में ले लिया। भारी वर्षा और अचानक आए सैलाब से फाली गांव में छह मकान पूरी तरह नष्ट हो गए। इस घटना में अब तक 10 लोगों के लापता होने की पुष्टि हुई है, जबकि दो लोगों को सुरक्षित बचा लिया गया है।
राहत-बचाव अभियान तेज
सूचना मिलते ही एसडीआरएफ और एनडीआरएफ की टीमें मौके पर पहुंच गईं। एनडीआरएफ दल गोचर से नंदप्रयाग के लिए रवाना हुआ है, जबकि एसडीआरएफ पहले से ही प्रभावित इलाके में राहत कार्य में जुटा है। सीएमओ कार्यालय ने बताया कि मेडिकल टीम और तीन 108 एम्बुलेंस भी तुरंत नंदानगर के लिए भेजी गई हैं।
प्रभावित परिवारों में दहशत
भारी बारिश से नदी-नालों का जलस्तर अचानक बढ़ गया है। कई संपर्क मार्ग बह गए हैं, जिससे गांव पूरी तरह अलग-थलग हो गए हैं। मसूरी मार्ग पर भी रात को भूस्खलन से मलबा आने के बाद कोठालगेट से आगे यातायात रोक दिया गया है। दूसरी ओर, देहरादून के रायवाला में करीब 200 से अधिक परिवार जलभराव से घिरे हुए हैं। एसडीआरएफ टीमें इन परिवारों को सुरक्षित स्थानों पर पहुंचाने का प्रयास कर रही हैं।
नंदानगर तहसील में नुकसान
नंदानगर तहसील के धुर्मा गांव में भी भारी वर्षा से पांच भवन क्षतिग्रस्त होने की सूचना है, हालांकि यहां किसी जनहानि की खबर नहीं है। मोक्ष नदी का जलस्तर लगातार बढ़ रहा है, जिससे आसपास के गांवों पर खतरा मंडरा रहा है।
लापता लोगों की सूची
जिलाधिकारी डॉ. संदीप तिवारी ने एएनआई से बातचीत में बताया कि कुंतरी लांगा फाली वार्ड में छह घर मलबे में दब गए। तहसील घाट नंदानगर में अब तक कुल 10 लोगों के लापता होने की सूचना है।
कुंतरी लांगा फाली से लापता लोग:
कुंवर सिंह (42) पुत्र बलवंत सिंह
कांता देवी (38) पत्नी कुंवर सिंह
विकास (10) पुत्र कुंवर सिंह
विशाल (9) पुत्र कुंवर सिंह
नरेंद्र सिंह (40) पुत्र कुताल सिंह
जगदंबा प्रसाद (70) पुत्र ख्याली राम
भागा देवी (65) पत्नी जगदंबा प्रसाद
देवेश्वरी देवी (65) पत्नी दिलबर सिंह
धुर्मा गांव से लापता लोग:
गुमान सिंह (75) पुत्र चंद्र सिंह
ममता देवी (38) पत्नी विक्रम सिंह
हालात गंभीर
भारी बारिश, पहाड़ी मलबे और बढ़ते जलस्तर ने चमोली और आसपास के क्षेत्रों में भय का माहौल बना दिया है। सैकड़ों परिवारों को अब भी खतरा बना हुआ है और राहत कार्य युद्धस्तर पर जारी हैं।