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प्रयागराज महाकुंभ में त्रिवेणी संगम के पवित्र जल में मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने अपनी मां को स्नान कराया और इस अवसर पर उन्होंने भावुक होकर कहा, “यह मेरे जीवन के सबसे अमूल्य और भावुक क्षणों में से एक है, जिसे शब्दों में व्यक्त करना संभव नहीं है।”

 

सीएम धामी और उनकी पत्नी गीता धामी ने मिलकर मां को गंगा में डुबकी लगवाने के बाद कहा कि यह क्षण उनके लिए बहुत खास है। उन्होंने कहा, “मुझे त्रिवेणी संगम में मां को स्नान कराकर उनकी इच्छा पूरी करने का सौभाग्य प्राप्त हुआ।”

 

उन्होंने आगे कहा, “वेदों, शास्त्रों और पुराणों में यह उल्लेखित है कि कोई भी जीव माता के ऋण से कभी उऋण नहीं हो सकता क्योंकि माता ही वह प्रथम स्रोत हैं जिनसे हमारा अस्तित्व जुड़ा हुआ है। मां का स्नेह अनंत, उनकी ममता अपरिमेय और उनका आशीर्वाद अक्षुण्ण होता है। इस दिव्य क्षण में यह महसूस हुआ कि मां केवल जन्मदात्री ही नहीं, बल्कि एक सजीव तीर्थ हैं, जिनकी सेवा और सम्मान से जीवन के सभी पुण्य फलीभूत होते हैं। यह क्षण मेरे लिए सनातन संस्कृति, परंपरा और मातृभक्ति का जीवंत उदाहरण बनकर हमेशा के लिए मेरे हृदय में अंकित रहेगा।”

 

इससे पहले, मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने रविवार को प्रयागराज में आचार्य शिविर में आयोजित समानता के साथ समरसता कार्यक्रम में भाग लिया। इस दौरान सभी संतों ने उत्तराखंड में समान नागरिक संहिता (यूसीसी) लागू करने पर मुख्यमंत्री का सम्मान किया और पुष्पमालाएं पहनाकर उन्हें अभिनंदन किया।

 

मुख्यमंत्री ने संतों का आभार व्यक्त करते हुए कहा, “त्रिवेणी संगम की पवित्र भूमि और महाकुंभ के इस शुभ अवसर पर पूज्य संतों का आशीर्वाद मिलना मेरे लिए सौभाग्य की बात है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के द्वारा संकल्पित विकसित भारत की दिशा में संतों का आशीर्वाद सबसे आवश्यक है।”

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