उत्तराखंड के मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी दो दिवसीय उत्तर प्रदेश दौरे पर वाराणसी पहुंचे। इस दौरान उन्होंने केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह की अध्यक्षता में आयोजित मध्य क्षेत्रीय परिषद की 25वीं बैठक में भाग लिया। यह बैठक उत्तर भारत के राज्यों के बीच आपसी समन्वय, विकास और साझा मुद्दों पर चर्चा के उद्देश्य से आयोजित की गई थी।
बैठक में विशेष रूप से उत्तराखंड जैसे सीमांत राज्य से संबंधित विषयों पर गहन विचार-विमर्श हुआ। इनमें सीमा सुरक्षा, राज्यों के बीच समन्वय, तीर्थयात्रा और पर्यटन को सुविधाजनक बनाने, आपदा प्रबंधन, स्वास्थ्य सेवाएं और सड़क व परिवहन अवसंरचना जैसे प्रमुख मुद्दे शामिल थे।
सीएम धामी ने बैठक में अपने विचार रखते हुए कहा कि उत्तराखंड की भौगोलिक स्थिति और सीमावर्ती प्रकृति को ध्यान में रखते हुए राज्य की प्राथमिकताएं अलग हैं। उन्होंने कहा,
> “हमारी कोशिश है कि सीमाओं की सुरक्षा सुनिश्चित करते हुए, पर्यटकों और श्रद्धालुओं को सुरक्षित और आसान यात्रा का अनुभव मिले। इस बैठक में हमने राज्य हित के अनेक मुद्दों को केंद्र और अन्य राज्यों के समक्ष स्पष्ट रूप से रखा, जिस पर सकारात्मक संवाद हुआ।”
बैठक से पहले मुख्यमंत्री धामी ने केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह से शिष्टाचार भेंट की। इस मुलाकात में उन्होंने आगामी कांवड़ यात्रा को लेकर राज्य सरकार की तैयारियों की जानकारी दी और हरिद्वार सहित अन्य तीर्थ स्थलों पर सुरक्षा व्यवस्थाओं के संबंध में चर्चा की।
इस दौरान धामी ने उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ से भी मुलाकात की। उन्होंने योगी जी को उत्तराखंड के चारधाम का पवित्र प्रसाद भेंट किया और दोनों नेताओं के बीच तीर्थ और पर्यटन सहयोग को लेकर सकारात्मक चर्चा हुई। मुख्यमंत्री ने इस भेंट का विवरण अपने सोशल मीडिया अकाउंट ‘एक्स’ (पूर्व ट्विटर) पर साझा किया।
उन्होंने लिखा,
> “वाराणसी में योगी आदित्यनाथ जी से भेंट कर राज्यहित के विषयों पर चर्चा का अवसर प्राप्त हुआ। इस अवसर पर उन्हें चारधाम का प्रसाद भेंट कर आध्यात्मिक जुड़ाव की अनुभूति हुई।”
इस मुलाकात में उत्तर प्रदेश भाजपा अध्यक्ष भूपेंद्र चौधरी और अन्य वरिष्ठ नेता भी उपस्थित थे।
अपने वाराणसी प्रवास के दौरान सीएम धामी ने मध्य प्रदेश के मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव और छत्तीसगढ़ के मुख्यमंत्री विष्णु देव साय से भी शिष्टाचार भेंट की। इस मौके पर उन्होंने समसामयिक राष्ट्रीय और क्षेत्रीय मुद्दों पर चर्चा की। साथ ही, दोनों मुख्यमंत्रियों को उत्तराखंड के प्रसिद्ध चारधाम का पवित्र प्रसाद भी भेंट किया। इन भेंटों के माध्यम से राज्यों के बीच सांस्कृतिक और प्रशासनिक सहयोग को मजबूती देने का संदेश भी गया।
वाराणसी प्रवास के दौरान मुख्यमंत्री धामी ने बाबा काशी विश्वनाथ और काल भैरव मंदिर में पूजा-अर्चना भी की। उन्होंने राज्य की सुख-शांति, समृद्धि और जनकल्याण के लिए प्रार्थना की। काल भैरव मंदिर में दर्शन के उपरांत उन्होंने एक संस्कृत श्लोक के साथ अपने भाव सोशल मीडिया पर साझा किए:
> “देवराजसेव्यमानपावनांघ्रिपङ्कजं
व्यालयज्ञसूत्रमिन्दुशेखरं कृपाकरम्।
नारदादियोगिवृन्दवन्दितं दिगंबरं
काशिकापुराधिनाथकालभैरवं भजे॥”
उन्होंने लिखा कि काशी कोतवाल भगवान काल भैरव के दर्शन कर उन्हें समस्त उत्तराखंडवासियों के कल्याण के लिए प्रार्थना करने का सौभाग्य प्राप्त हुआ।
मध्य क्षेत्रीय परिषद की पिछली यानी 24वीं बैठक वर्ष 2023 में उत्तराखंड के नरेंद्र नगर में हुई थी। उस बैठक में भी राज्यों के बीच बेहतर सहयोग और क्षेत्रीय विकास की दिशा में अहम प्रस्ताव पारित हुए थे। इस बार काशी में आयोजित 25वीं बैठक में चार राज्यों – उत्तराखंड, उत्तर प्रदेश, मध्य प्रदेश और छत्तीसगढ़ के मुख्यमंत्री, वरिष्ठ अधिकारी और प्रतिनिधियों ने भाग लिया।
क्या है मध्य क्षेत्रीय परिषद?
मध्य क्षेत्रीय परिषद केंद्र और राज्यों के बीच समन्वय स्थापित करने का एक प्रभावी मंच है। यह मंच राज्यों को नीतियों, योजनाओं और संसाधनों के बेहतर वितरण में सहयोग करता है। इसमें विशेष रूप से सीमा विवाद, जल बंटवारा, आधारभूत संरचना, आपदा प्रबंधन और स्वास्थ्य सेवाओं जैसे विषयों पर संयुक्त समाधान ढूंढने की दिशा में प्रयास होते हैं।
मुख्यमंत्री धामी का यह वाराणसी दौरा केवल एक औपचारिक उपस्थिति नहीं, बल्कि उत्तराखंड के हितों को राष्ट्रीय मंच पर मजबूती से रखने का एक सफल प्रयास भी था। इस दौरे ने न केवल धार्मिक और सांस्कृतिक आयामों को जोड़ा, बल्कि नीति निर्माण और राज्य सहयोग की दिशा में भी एक नई ऊर्जा दी।
निष्कर्ष:
यह यात्रा राज्य की प्राथमिकताओं, राष्ट्रीय संवाद और
समन्वय की भावना का सुंदर समागम साबित हुई।