देश में कोरोना वायरस एक बार फिर से चिंता का कारण बनता जा रहा है। जैसे-जैसे मौसम बदल रहा है, वैसे-वैसे कोविड-19 संक्रमण के मामले फिर से सामने आने लगे हैं। इस बार इसका नया वैरिएंट चर्चा में है, जो पहले से अधिक तेजी से फैलने की क्षमता रखता है। ऐसे में लोगों की लापरवाही, कम सतर्कता और ट्रैवल के दौरान सावधानियों की अनदेखी स्थिति को और भी गंभीर बना सकती है। उत्तराखंड में भी अब इस खतरे की आहट सुनाई देने लगी है। राज्य में कोरोना वायरस के दो नए मामलों की पुष्टि हुई है, और दोनों ही मरीजों की हालिया यात्रा का इतिहास रहा है।
उत्तराखंड स्वास्थ्य विभाग के अनुसार, ये दोनों मामले अलग-अलग जिलों से सामने आए हैं। पहला मामला एक महिला का है जो हाल ही में गुजरात की यात्रा से लौटी थी। यात्रा के कुछ दिनों बाद उसमें बुखार, खांसी और गले में खराश जैसे लक्षण दिखाई दिए। परिजनों की सतर्कता से उसे तुरंत अस्पताल ले जाया गया, जहाँ कोविड टेस्ट करवाया गया। टेस्ट की रिपोर्ट पॉजिटिव आई, और उसे तुरंत ऋषिकेश के अखिल भारतीय आयुर्विज्ञान संस्थान (AIIMS) में भर्ती किया गया। वर्तमान में महिला का इलाज चल रहा है और उसकी हालत स्थिर बताई जा रही है।
दूसरा मामला एक और महिला का है, जो हाल ही में बेंगलुरु से वापस उत्तराखंड लौटी थी। लौटने के बाद उसे भी हल्का बुखार और थकान महसूस होने लगी। शुरुआत में इसे सामान्य मौसमी बीमारी समझा गया, लेकिन बाद में जब लक्षण बढ़ने लगे, तो जांच करवाई गई। रिपोर्ट पॉजिटिव आने पर उसे होम आइसोलेशन में रखा गया है, क्योंकि उसकी स्थिति अभी गंभीर नहीं है। स्वास्थ्य विभाग की टीम उसके संपर्क में आए लोगों की पहचान कर रही है और कंटैक्ट ट्रेसिंग का काम तेज़ी से किया जा रहा है।
इन मामलों ने स्वास्थ्य विभाग और प्रशासन को सतर्क कर दिया है। राज्य में पहले ही कोरोना के मामलों में गिरावट के बाद अधिकांश गतिविधियों को सामान्य कर दिया गया था। लेकिन इन दो नए मामलों ने यह साबित कर दिया है कि कोरोना अभी पूरी तरह खत्म नहीं हुआ है। स्वास्थ्य विभाग ने सभी जिलों को निर्देश दिए हैं कि बाहर से आने वाले यात्रियों की निगरानी की जाए और जिनमें कोई भी लक्षण दिखे, उनकी तुरंत जांच करवाई जाए।
राज्य के स्वास्थ्य महानिदेशक ने कहा कि फिलहाल घबराने की जरूरत नहीं है, लेकिन सावधानी बेहद ज़रूरी है। उन्होंने लोगों से अपील की है कि यदि वे हाल ही में यात्रा से लौटे हैं और किसी भी तरह के लक्षण महसूस कर रहे हैं, तो बिना देरी किए जांच करवाएं और आवश्यकतानुसार खुद को आइसोलेट करें। उन्होंने यह भी कहा कि सभी सरकारी अस्पतालों में कोरोना की टेस्टिंग सुविधा उपलब्ध है, और टेस्ट फ्री में किया जा रहा है।
राज्य में टीकाकरण की स्थिति पर बात करें, तो स्वास्थ्य अधिकारियों का कहना है कि जिन लोगों ने अब तक बूस्टर डोज नहीं लगवाई है, उन्हें जल्द से जल्द वैक्सीन लगवानी चाहिए। इससे संक्रमण के खतरे को काफी हद तक कम किया जा सकता है। इसके अलावा बुजुर्गों और गंभीर रोगियों को विशेष सावधानी बरतने की सलाह दी गई है।
इन मामलों के सामने आने के बाद राज्य में फिर से कोविड प्रोटोकॉल को सक्रिय किया जा रहा है। अस्पतालों में आईसोलेशन बेड्स को चेक किया जा रहा है, टेस्टिंग की संख्या बढ़ाई जा रही है, और हेल्थ वर्कर्स को फिर से अलर्ट मोड पर रखा गया है। साथ ही, बस अड्डों, रेलवे स्टेशनों और एयरपोर्ट पर थर्मल स्क्रीनिंग को फिर से शुरू करने की योजना बनाई जा रही है।
जनता के बीच जागरूकता फैलाने के लिए स्थानीय प्रशासन द्वारा सूचना अभियानों की भी तैयारी की जा रही है, ताकि लोग फिर से मास्क पहनना शुरू करें, हाथों की सफाई का ध्यान रखें और भीड़भाड़ वाले इलाकों में जाने से बचें। स्वास्थ्य विशेषज्ञों का कहना है कि लापरवाही से स्थिति बिगड़ सकती है, इसलिए जरूरी है कि हम पहले की तरह सतर्कता बरतें।
इन दो मामलों ने हमें याद दिला दिया है कि कोरोना पूरी तरह समाप्त नहीं हुआ है। भले ही ज़्यादातर लोग अब सामान्य जीवन में लौट आए हों, लेकिन थोड़ी सी लापरवाही बड़े संकट का कारण बन सकती है। इसलिए यह समय है सतर्क रहने का, जिम्मेदार नागरिक बनने का और कोरोना से जुड़ी सभी सावधानियों को फिर से अपनी आदतों में
शामिल करने का।