ए हैं। टनकपुर-पिथौरागढ़ राष्ट्रीय राजमार्ग के बंद होने से अब तक 1 करोड़ रुपये से अधिक का नुकसान हो चुका है। स्वांला क्षेत्र में पिछले तीन दिनों से यातायात ठप पड़ा है, जिससे आवश्यक वस्तुओं की आपूर्ति में भी बाधा आ रही है। रसोई गैस सिलिंडर और सेना के वाहन भी स्वांला में फंसे हुए हैं।

 

सब्जी और अन्य जरूरी सामान न पहुंचने से लोगों को भारी मुश्किलों का सामना करना पड़ रहा है। चंपावत दुग्ध संघ को सड़कें बंद होने के कारण प्रतिदिन 16,000 लीटर दूध का नुकसान हो रहा है, जिससे संघ को अब तक 5 लाख रुपये से अधिक की हानि हो चुकी है।

 

पिथौरागढ़ और लोहाघाट हाईवे पर भी नुकसान

लोहाघाट-पिथौरागढ़ राष्ट्रीय राजमार्ग चार दिन बाद खुला, जिससे उम्मीद है कि सोमवार तक गैस की आपूर्ति फिर से बहाल हो जाएगी। हालांकि, मरोड़ाखान के पास पहाड़ी काटकर सड़क बनाने का काम जारी है। इस बीच, चंपावत में फंसी पिथौरागढ़ रोडवेज की बसों को मार्ग खुलने के बाद यात्रियों के साथ रवाना कर दिया गया। एनएच बंद होने से लोहाघाट डिपो को करीब 16 लाख रुपये का नुकसान हुआ है।

 

अन्य स्थानों पर भी भारी नुकसान

सीमांत मडलक क्षेत्र के डूंगरालेटी ग्राम पंचायत में स्थित ऐतिहासिक नागार्जुन धाम को जोड़ने वाला पैदल पुल बाढ़ में बह गया है, जिससे रौसाल क्षेत्र की पंचायतों का संपर्क मडलक क्षेत्र से टूट गया है। मां पूर्णागिरि धाम क्षेत्र में भी सड़कें बंद होने के साथ बिजली आपूर्ति बाधित है, हालांकि ठुलीगाड़ तक बिजली बहाल कर दी गई है। बाटनागाड़ में सड़कें अभी भी अवरुद्ध हैं, जहां जेसीबी और पोकलैंड मशीनों के माध्यम से सड़क खोलने का कार्य जारी है।

 

मलबे में दबे डीएम कार्यालय के कर्मचारी का शव बरामद

तीन दिन पहले भूस्खलन की चपेट में आए जिलाधिकारी कार्यालय के कर्मचारी चंद्रमोहन पांडे का शव शनिवार की शाम बरामद हुआ। वे ट्रेकिंग के दौरान भूस्खलन का शिकार हो गए थे।

 

जिलेवार बंद सड़कों की स्थिति:

– पिथौरागढ़: 49

– चंपावत: 98

– नैनीताल: 58

– अल्मोड़ा: 28

– बागेश्वर: 10

 

कुल मिलाकर 243 सड़कों के अवरुद्ध होने से लाखों लोग प्रभावित हैं, और कई क्षेत्रों में बुनियादी सुविधाओं की कमी हो गई है।

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