Demo

उत्तराखंड के दो प्रमुख शहरों, देहरादून और हरिद्वार में अवैध रूप से रह रहे छह बांग्लादेशी नागरिकों को पुलिस ने गिरफ्तार किया है। यह कार्रवाई खुफिया जानकारी के आधार पर की गई, जिसमें एक भारतीय महिला की संलिप्तता भी सामने आई है। गिरफ्तार किए गए आरोपियों में चार पुरुष और दो महिलाएं शामिल हैं। इनके साथ एक भारतीय महिला पूजा रानी उर्फ रोसना को भी पकड़ा गया है, जो इन सभी को सहायता प्रदान कर रही थी।

 

क्लेमेन्टटाउन से शुरू हुई कार्रवाई

 

देहरादून के एसएसपी अजय सिंह ने बताया कि पुलिस को क्लेमेंटटाउन क्षेत्र में कुछ संदिग्ध व्यक्तियों की मौजूदगी की गुप्त सूचना मिली थी। सूचना की पुष्टि के लिए स्पेशल ऑपरेशन ग्रुप (SOG), लोकल इंटेलिजेंस यूनिट (LIU) और क्लेमेंटटाउन थाने की संयुक्त टीम को जांच में लगाया गया। जांच के दौरान जब टीम ने पोस्ट ऑफिस रोड स्थित लेन नंबर 11 में छापेमारी की, तो पांच बांग्लादेशी नागरिक पकड़े गए। इनमें निर्मल राय, शेम राय, लिपि राय (महिला), कृष्णा उर्फ संतोष और मुनीर चंद्र राय शामिल हैं।

 

वैध दस्तावेज नहीं पाए गए

 

पुलिस ने जब इनसे भारत में रहने के वैध दस्तावेज दिखाने को कहा, तो इनमें से किसी के पास कोई दस्तावेज नहीं मिला। इसके बाद जब घर की तलाशी ली गई, तो मुनीर चंद्र राय के पास से पटना और पश्चिम बंगाल के नाम से बनाए गए दो फर्जी आधार कार्ड बरामद हुए। वहीं, कृष्णा उर्फ संतोष और निर्मल राय के पास से बांग्लादेशी पहचान पत्र मिले हैं। ये दस्तावेज इस बात की पुष्टि करते हैं कि वे बांग्लादेश के नागरिक हैं और अवैध रूप से भारत में रह रहे थे।

 

भारतीय महिला की संलिप्तता

 

पूजा रानी उर्फ रोसना नाम की महिला, जो कि भारतीय नागरिक है, इन अवैध प्रवासियों को न सिर्फ आश्रय दे रही थी, बल्कि अन्य तरह की मदद भी कर रही थी। पुलिस ने उसे भी गिरफ्तार कर लिया है और उसके खिलाफ भारतीय दंड संहिता के अंतर्गत मुकदमा दर्ज किया गया है।

 

हरिद्वार में भी हुई गिरफ्तारी

 

हरिद्वार में भी इसी तरह की कार्रवाई की गई, जहां एक अन्य बांग्लादेशी महिला को गिरफ्तार किया गया। जांच में यह बात सामने आई है कि सभी आरोपी विभिन्न समयों पर उत्तराखंड आए थे और मजदूरी का कार्य कर रहे थे। इनमें से कुछ लोग वर्षों से यहां रह रहे थे और स्थानीय लोगों के साथ सामान्य जीवन जी रहे थे।

 

बच्चों को संरक्षण में लिया गया

 

इन आरोपियों के साथ चार नाबालिग बच्चे भी पाए गए हैं, जिन्हें पुलिस ने संरक्षण में लिया है। अब इन बच्चों की देखरेख के लिए बाल कल्याण समिति को सूचित किया गया है और उनके भविष्य को ध्यान में रखते हुए आगे की प्रक्रिया शुरू की गई है।

 

सहयोगियों की तलाश जारी

 

जांच में यह भी सामने आया है कि इन बांग्लादेशी नागरिकों को भारत में घुसपैठ कराने में दो अन्य व्यक्तियों ने मदद की थी, जिनकी पुलिस तलाश कर रही है। मिलिट्री इंटेलिजेंस और इंटेलिजेंस ब्यूरो (IB) इन सभी आरोपियों से पूछताछ कर रही हैं ताकि इनकी भारत में एंट्री, नेटवर्क और अन्य सहयोगियों की जानकारी प्राप्त की जा सके।

 

सुरक्षा एजेंसियां सतर्क

 

इस पूरे मामले को गंभीरता से लेते हुए सुरक्षा एजेंसियों ने सतर्कता बढ़ा दी है। सीमावर्ती इलाकों और शहरी क्षेत्रों में अवैध प्रवासियों की जांच का दायरा भी बढ़ाया जा रहा है। पुलिस का मानना है कि यह कोई अकेला मामला नहीं है और संभवतः ऐसे कई अन्य समूह भी हो सकते हैं जो भारत में अवैध रूप से रह रहे हैं।

 

निष्कर्ष

 

यह मामला न सिर्फ भारत की आंतरिक सुरक्षा के लिए चिंता का विषय है, बल्कि अवैध प्रवासियों की मौजूदगी और उन्हें सहयोग देने वालों की भूमिका पर भी सवाल खड़े करता है। पुलिस और खुफिया एजेंसियों की संयुक्त कार्रवाई से इस नेटवर्क का एक सिरा पकड़ में आ गया है, लेकिन जांच पूरी होने के बाद ही पूरे नेटवर्क की सच्चाई सामने आएगी। फिलहाल, सभी आरोपियों से गहन पूछताछ जारी है और उनके खिला फ कानूनी कार्रवाई की जा रही है।

Share.
Leave A Reply

Live Almora

Stay connected with Live Almora – your trusted source for local news, events, and updates from Almora and across Uttarakhand. Real stories, real voices, right from the hills.

Contact Us-  
Aryan Sharma
Kalli mitti gaon
Thano road
Raipur dehradun
Phone – 91934 28304