उत्तराखंड सरकार के नए नकलरोधी कानून ने पेपर लीक और नकल कराने वाले गिरोहों की कमर तोड़ दी है। इस कानून के तहत यदि कोई व्यक्ति संगठित गिरोह बनाकर परीक्षा में नकल करवाता है या पेपर लीक करता है, तो उसे उम्रकैद तक की सजा और 10 करोड़ रुपये तक का भारी जुर्माना भरना पड़ेगा। यही कानून अब उत्तराखंड पेपर लीक कांड के कुख्यात नाम हाकम को भी घेरे में ले आया है।
हाकम का काला इतिहास
हाकम का नाम आते ही जुलाई 2022 की यादें ताजा हो जाती हैं, जब एक के बाद एक पेपर लीक की घटनाओं से प्रदेशभर के युवाओं में मायूसी और गुस्सा फैल गया था। मामला इतना बड़ा था कि STF तक हैरान रह गई थी। जांच आगे बढ़ी तो हाकम पर लगातार नए मुकदमे दर्ज होते चले गए।
धड़ाधड़ रद्द हुई परीक्षाएं
पेपर लीक की साजिश खुलते ही अधीनस्थ सेवा चयन आयोग ने सबसे पहले 5 दिसंबर 2021 को हुई स्नातक स्तरीय भर्ती परीक्षा को रद्द किया। इसके बाद 16 से 21 जुलाई 2021 के बीच हुई वन दरोगा भर्ती परीक्षा और 26 सितंबर 2021 को आयोजित सचिवालय रक्षक परीक्षा भी रद्द करनी पड़ी। यहीं नहीं, आगे चलकर वाहन चालक, अनुदेशक, कर्मशाला अनुदेशक, मत्स्य निरीक्षक, मुख्य आरक्षी पुलिस दूरसंचार और पुलिस रैंकर्स भर्ती परीक्षाएं भी रद्द हो गईं।
पहले कानून कमजोर, अब सख्त शिकंजा
पहले पुलिस ने हाकम पर कई धाराएं लगाईं, लेकिन पुराने कानून में नकल और पेपर लीक जैसे मामलों को रोकने के कड़े प्रावधान नहीं थे। यही वजह रही कि हाकम 13 महीने में सुप्रीम कोर्ट से जमानत ले सका। लेकिन अब हालात बदल चुके हैं। उत्तराखंड प्रतियोगी परीक्षा (भर्ती में अनुचित साधनों की रोकथाम एवं उपाय) अध्यादेश 2023 के अंतर्गत यह अपराध संज्ञेय, गैर-जमानती और अशमनीय बना दिया गया है। इसमें कोचिंग संस्थान, प्रिंटिंग प्रेस, परीक्षा आयोजन से जुड़े अधिकारी या कोई भी व्यक्ति यदि पेपर लीक या नकल में दोषी पाया जाता है, तो उसे आजीवन कारावास और करोड़ों का जुर्माना भुगतना होगा।
ऑनलाइन परीक्षाओं पर भी गिरी गाज
हाकम सिर्फ ऑफलाइन पेपर ही नहीं, बल्कि ऑनलाइन भर्ती परीक्षाओं में भी सेंध लगाने में माहिर था। जुलाई 2021 में आयोग ने वन दरोगा भर्ती परीक्षा ऑनलाइन कराई थी, जिसमें 83 हजार से ज्यादा उम्मीदवार बैठे। लेकिन हाकम ने उसका पेपर भी लीक कर दिया। परिणामस्वरूप आयोग ने ऑनलाइन भर्ती परीक्षाएं पूरी तरह बंद कर दीं। इसके बाद से आज तक किसी भी परीक्षा का आयोजन ऑनलाइन नहीं किया गया।
अब हाकम नए नकलरोधी कानून की गिरफ्त में है और इस बार उसके लिए कानून से बाहर निकलना आसान नहीं होगा।

 
									 
					 
