Dehradun: देहरादून जिले में बिना अनुमति और मानकों के विरुद्ध लगाए गए मोबाइल टावरों पर जिला प्रशासन ने सख्त रुख अपनाया है। माननीय मुख्यमंत्री के निर्देश पर जिला प्रशासन ने एक के बाद एक लगातार कार्रवाई करते हुए दर्जनों मोबाइल टावरों को सील कर दिया है। इन कार्रवाइयों का उद्देश्य न केवल नियमों के उल्लंघन को रोकना है, बल्कि आमजन की भावनाओं और स्वास्थ्य सुरक्षा को सर्वोपरि रखते हुए जनहित को सुनिश्चित करना भी है।
जिलाधिकारी सविन बंसल के नेतृत्व में यह अभियान तेज़ी से चलाया जा रहा है। प्रशासन का कहना है कि यदि किसी ने बिना आवश्यक अनुमति के केवल टावर की बुनियाद या खूंटा भी गाड़ा है, तो उस पर भी सीलिंग की कार्यवाही की जाएगी। जिला प्रशासन पूरी तरह स्पष्ट है कि जनभावनाओं की उपेक्षा किसी भी स्तर पर बर्दाश्त नहीं की जाएगी।
हाल ही में तहसील विकासनगर के अंतर्गत बहादुरपुर (सेलाकुई) राजावाला रोड और रामबाग, वार्ड नंबर 5 (हरबर्टपुर) में लोगों ने शिकायत की थी कि वहां घनी आबादी के बीच बिना अनुमति के हाई-फ्रीक्वेंसी मोबाइल टावर लगाए जा रहे हैं। स्थानीय नागरिकों, विशेषकर बुजुर्गों, बच्चों और महिलाओं ने इन टावरों से होने वाले संभावित रेडिएशन के खतरे को लेकर चिंता जताई थी।
शिकायतों को गंभीरता से लेते हुए जिलाधिकारी ने संबंधित अधिकारियों — अपर जिलाधिकारी वित्त एवं राजस्व तथा ईडीएम — को तत्काल प्रभावी कार्रवाई के निर्देश दिए। उसी के क्रम में जिला प्रशासन की टीम ने मौके पर जाकर जांच की और पाया कि नियमों की अनदेखी की गई है। फलस्वरूप, उक्त स्थानों पर लगे मोबाइल टावरों को सील कर दिया गया।
प्रशासन का यह भी कहना है कि यह केवल शुरुआत है। जिले में जहां-जहां नियमों के खिलाफ इस प्रकार के टावर लगाए गए हैं, वहां सख्त कार्रवाई की जाएगी। यह अभियान जिलेभर में एक समान रूप से चलाया जाएगा ताकि भविष्य में कोई भी संस्था या व्यक्ति बिना अनुमति के जनसुविधाओं को ताक पर रखकर कार्य न कर सके।
जिलाधिकारी सविन बंसल ने कहा कि प्रशासन जनभावनाओं के साथ खड़ा है और जनहित में लिए जा रहे निर्णयों से लोगों में सरकार और प्रशासन के प्रति विश्वास बढ़ा है। उन्होंने यह भी स्पष्ट किया कि चाहे कोई छोटा मामला हो या किसी बड़े प्रोजेक्ट की अनुमति हो, यदि वह जनहित के विरुद्ध है और उसमें नियमों का उल्लंघन होता है, तो कार्रवाई अवश्य की जाएगी।
उन्होंने कहा कि “हमारे जिले में नियम विरुद्ध कार्यों का एकमात्र अंजाम है — ‘विध्वंस’।” यह संदेश स्पष्ट है कि अब नियमों से खिलवाड़ करने वालों के खिलाफ कोई नरमी नहीं बरती जाएगी।
प्रशासन की इस कार्यवाही से यह संदेश गया है कि नियमों को ताक पर रखकर जनस्वास्थ्य और सुरक्षा से खिलवाड़ करने की छूट किसी को नहीं दी जा सकती। इसके अलावा प्रशासन द्वारा की गई यह कार्रवाई अन्य जिलों और विभागों के लिए भी एक मिसाल है, जो जनहित में सख्त और त्वरित फैसले लेने की दिशा में प्रेरणादायक हो सकती है।
इन कार्रवाइयों से आम नागरिकों में प्रशासन के प्रति विश्वास और संतोष देखने को मिला है। लोगों का कहना है कि जिस प्रकार प्रशासन ने त्वरित कदम उठाकर मोबाइल टावरों को सील किया, वह सराहनीय है। साथ ही इससे यह भी स्पष्ट हो गया है कि नागरिकों की शिकायतों को गंभीरता से लिया जा रहा है।
वर्तमान में जिला प्रशासन एक्शन मोड में है और लगातार उन गतिविधियों पर नजर रखे हुए है जो नियमों के विपरीत हो रही हैं। यह कार्यशैली न केवल शहर को सुरक्षित बना रही है बल्कि आने वाली पीढ़ियों के लिए एक अनुशासित और नियम आधारित व्यवस्था की नींव भी रख रही है।
अंततः यह कहा जा सकता है कि देहरादून प्रशासन का यह कदम एक मजबूत संदेश है — कि जनभावनाओं की अनदेखी, मानकों की अनदेखी, और जनहित से खिलवाड़ अब स्वीकार नहीं किया जाएगा। यदि कोई संस्था या व्यक्ति इस भ्रम में है कि वह नियमों को दरकिनार कर विकास की आड़ में जनस्वास्थ्य के साथ समझौता कर सकता है, तो उन्हें अब सख्त कार्यवाही
का सामना करना होगा।

