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Oakwood Apartments Residential Project:देहरादून के बंशीवाला में जैमिनी पैकटेक प्राइवेट लिमिटेड द्वारा निर्माणाधीन ओकवुड अपार्टमेंट्स परियोजना के तहत एक बड़ा घोटाला सामने आया है। लोगों ने अपनी मेहनत की कमाई से इस परियोजना में आशियाने का सपना देखा, लेकिन उन्हें धोखा दिया गया। बुकिंग के समय दिखाए गए चमचमाते ब्रोशर के अनुसार सुविधाओं का वादा किया गया था, लेकिन जब परियोजना की असलियत सामने आई, तो सुविधाओं में कमी और मानकों में अनदेखी देखी गई।

 

सेरेन ग्रीन्स विला रेजिडेंट्स की शिकायत

 

इस परियोजना से सटे सेरेन ग्रीन्स विला रेजिडेंट्स वेलफेयर सोसाइटी ने मसूरी देहरादून विकास प्राधिकरण (एमडीडीए) में इस संबंध में शिकायत दर्ज कराई थी। सोसाइटी ने आरोप लगाया कि बिल्डर ने आठ मंजिला इमारत बनाने के लिए 12 मीटर चौड़े मार्गों की जानकारी दी थी, जबकि हकीकत में इन मार्गों की चौड़ाई मात्र 7.5 से 9 मीटर ही है। इससे साफ है कि बिल्डर ने मार्ग की चौड़ाई के बारे में गलत जानकारी देकर लोगों को गुमराह किया।

 

ब्रोशर और हकीकत में अंतर

 

यह मामला उन कई उदाहरणों में से एक है, जहां बिल्डर बुकिंग के समय ग्राहकों को आकर्षित करने के लिए लुभावने ब्रोशर और सुविधाओं का वादा करते हैं, लेकिन जब परियोजना पूरी होती है, तो वास्तविकता कुछ और होती है। ओकवुड अपार्टमेंट्स के मामले में भी यही हुआ है। ब्रोशर में दिखाए गए बड़े और खुली सड़कों वाले मार्ग असल में छोटे और संकरे हैं, जो भविष्य में निवासियों को यातायात की समस्या का सामना करने पर मजबूर कर सकते हैं।

 

सरकार और प्रशासन से सख्त कार्रवाई की मांग

 

रहवासियों ने एमडीडीए से इस मामले की निष्पक्ष जांच और दोषी बिल्डर के खिलाफ सख्त कार्रवाई की मांग की है। उनका कहना है कि इस प्रकार की धांधली न केवल उनके अधिकारों का उल्लंघन है, बल्कि उनके द्वारा किए गए निवेश का भी अपमान है। लोग उम्मीद कर रहे हैं कि इस मामले में प्रशासन जल्द ही हस्तक्षेप करेगा और उचित कदम उठाएगा ताकि भविष्य में इस तरह की धोखाधड़ी को रोका जा सके।

 

बिल्डर की जवाबदेही

 

वर्तमान में, जैमिनी पैकटेक प्राइवेट लिमिटेड पर सवाल उठ रहे हैं कि उन्होंने कैसे 7.5 मीटर के मार्ग पर आठ मंजिला इमारत के निर्माण की योजना बनाई, जबकि नियमों के अनुसार इतनी ऊंची इमारत के लिए 12 मीटर का मार्ग आवश्यक है। इस घोटाले ने एक बार फिर से बिल्डरों की जवाबदेही और प्रशासनिक मानकों की सख्ती पर सवाल खड़े कर दिए हैं।

 

यह घटना एक बार फिर से यह साबित करती है कि रियल एस्टेट में बिल्डरों की मनमानी और धोखाधड़ी के मामलों पर कड़ी निगरानी और सख्त नियमों की आवश्यकता है। उम्मीद की जा रही है कि इस मामले में एमडीडीए जल्द ही उचित कार्रवाई करेगा और निवासियों के हितों की रक्षा की जाएगी।

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