देहरादून पुलिस ने शहर में आस्था के नाम पर लोगों को ठगने वाले दो नकली बाबाओं को गिरफ्तार किया है। ये दोनों खुद को देवता का अवतार बताकर चमत्कार और तंत्र-मंत्र के जरिए बीमारियां दूर करने का दावा करते थे। वहीं, प्रेमनगर इलाके में सार्वजनिक स्थानों पर हंगामा करने वाले आठ छात्रों को पुलिस ने हिरासत में लेकर उन्हें कानून की जानकारी दी और चेतावनी देकर छोड़ दिया।
‘ऑपरेशन कालनेमि’ में दो ढोंगी बाबा गिरफ्तार
देहरादून कोतवाली पुलिस ने ‘ऑपरेशन कालनेमि’ अभियान के तहत कार्रवाई करते हुए दो फर्जी बाबाओं को दबोचा। प्रभारी निरीक्षक प्रदीप पंत ने बताया कि कोतवाली नगर क्षेत्र में अलग-अलग स्थानों पर घूम रहे दो संदिग्ध बाबाओं को पकड़कर थाने लाया गया। पूछताछ में सामने आया कि दोनों तंत्र-मंत्र और चमत्कार के नाम पर लोगों को गुमराह कर ठगने का काम करते थे।
दोनों आरोपी खुद को देवता का अवतार बताते हुए दावा करते थे कि वे पूजा-पाठ और मंत्र-जाप से हर समस्या का समाधान कर सकते हैं। स्थानीय लोगों ने भी पुष्टि की कि ये बाबा विभिन्न बहानों से चमत्कार दिखाने और बीमारियों के इलाज का झांसा देकर लोगों से पैसे ऐंठते थे।
पुलिस के अनुसार, आरोपितों की पहचान राजू, निवासी गांव कुदेना सरायं छबीला, जिला बुलंदशहर (उत्तर प्रदेश) और कल्लू सिंह, निवासी अदान गली चांदपुर, जिला मुरादाबाद (उत्तर प्रदेश) के रूप में हुई है। दोनों के खिलाफ आवश्यक कार्रवाई की जा रही है।
सार्वजनिक स्थानों पर हुड़दंग करने वाले छात्रों को पुलिस ने पढ़ाया कानून का पाठ
इधर प्रेमनगर थाना पुलिस ने सार्वजनिक स्थानों पर शोरगुल और हुड़दंग करने वाले आठ छात्रों को पकड़कर काउंसलिंग की। थाना प्रभारी कुंदन राम ने बताया कि बुधवार को सूचना मिली थी कि कुछ युवक बिधोली क्षेत्र में खुलेआम हंगामा कर रहे हैं। पुलिस टीम मौके पर पहुंची तो पाया कि सभी युवक पास के एक निजी शिक्षण संस्थान के छात्र हैं।
पुलिस ने जब उन्हें समझाने की कोशिश की तो वे और ज्यादा आक्रोशित होकर शोर मचाने लगे। बाद में पुलिस ने सभी को हिरासत में लेकर थाने लाया और चालानी कार्रवाई की। पूछताछ में छात्रों की पहचान निम्न रूप में हुई—
वंश राज (नोएडा),
शौर्य सिंह (गाजियाबाद),
शुभम सिंह (दिनेशपुर, ऊधमसिंह नगर),
सुशांत चौधरी (लक्सर),
वत्स सैनी (रुड़की),
हर्ष कुमार (सिरसा),
हरमन सिंह (पानीपत, हरियाणा),
हर्षित चौधरी (कांगड़ी, दिल्ली)।
थाना प्रभारी ने बताया कि सभी छात्रों को कड़ी चेतावनी देने के बाद उनके अभिभावकों की उपस्थिति में छोड़ दिया गया। साथ ही भविष्य में किसी भी तरह की अनुशासनहीनता से दूर रहने की नसीहत दी गई।