Dehradun Uttarakhand : देहरादून के जिलाधिकारी सविन बंसल को उनकी कर्मठ कार्यशैली, संवेदनशील प्रशासन और जनहित के लिए किए गए प्रभावशाली कार्यों के लिए ‘लोकरत्न हिमालय सम्मान’ से सम्मानित किया गया है। यह सम्मान उन्हें ‘पर्वतीय बिगुल’ नामक सामाजिक-सांस्कृतिक संस्था द्वारा आयोजित ‘लोकरत्न हिमालय सम्मान एवं लोक सांस्कृतिक समारोह 2025’ के अवसर पर प्रदान किया गया।
इस अवसर पर उन्हें पारंपरिक वाद्य यंत्र रणसिंघा, ढोल-दमाऊ का प्रतीक चिन्ह, एक अभिनंदन पत्र और शॉल भेंट की गई। कार्यक्रम देहरादून के दून पुस्तकालय प्रेक्षागृह में आयोजित किया गया था, जिसमें प्रदेशभर के सामाजिक, सांस्कृतिक, और बौद्धिक क्षेत्र से जुड़ी हस्तियाँ मौजूद रहीं। समारोह में लोकसंस्कृति से सजीव गीत-संगीत प्रस्तुतियां भी दी गईं।
संवेदनशील अधिकारी की छवि
डीएम सविन बंसल की पहचान एक तेजतर्रार और संवेदनशील अधिकारी के रूप में बनी है। वे प्रशासनिक दायित्वों के साथ-साथ सामाजिक सरोकारों के लिए भी प्रतिबद्ध माने जाते हैं। उन्होंने अपने कार्यकाल में कई ऐसी पहल की हैं जिनका सीधा लाभ आम नागरिकों को मिला है। चाहे वो सड़क पर भीख मांगते बच्चों को स्कूल तक पहुँचाना हो, या बुजुर्गों के लिए मुफ्त वाहन सेवा शुरू करना—उनके हर कदम में जनहित की झलक दिखती है।
हालांकि हाल ही में लोकसभा अध्यक्ष ओम बिरला के देहरादून दौरे के दौरान प्रोटोकॉल के कथित उल्लंघन के चलते उन्हें शासन की ओर से नोटिस भी जारी हुआ था, लेकिन जनता के बीच उनकी लोकप्रियता में इससे कोई कमी नहीं आई। आम लोगों के बीच आज भी उनका नाम सम्मान से लिया जाता है, और यही कारण है कि ऐसे समय में भी उन्हें यह सम्मान प्राप्त हुआ।
उल्लेखनीय उपलब्धियाँ
डीएम बंसल द्वारा किए गए कुछ प्रमुख कार्य इस प्रकार हैं:
भिक्षावृत्ति के खिलाफ अभियान: उन्होंने देहरादून में सड़कों पर भीख मांग रहे 132 बच्चों को चिन्हित कर उन्हें शिक्षा से जोड़ा। यह न सिर्फ बच्चों के जीवन में बदलाव की पहल थी, बल्कि समाज को एक सकारात्मक दिशा देने का भी प्रयास था।
निःशुल्क सारथी वाहन सेवा: बुजुर्गों, दिव्यांगों और जरूरतमंदों के लिए मुफ्त वाहन सेवा शुरू की गई, जिससे उन्हें अस्पतालों, दफ्तरों या अन्य स्थानों तक जाने में सुविधा मिल सकी।
भूमि अधिकारों का समाधान: वर्षों से जमीन के अधिकारों से वंचित लोगों को न्याय दिलाने में डीएम कार्यालय ने निर्णायक भूमिका निभाई। विशेष रूप से महिलाओं और वंचित वर्गों के मामलों को प्राथमिकता दी गई।
तीन दिन में बैंक ऋण से राहत: एक विधवा महिला का वर्षों पुराना बैंक ऋण मामला केवल तीन दिन में हल कर उन्हें राहत दी गई। यह प्रशासन की त्वरित कार्रवाई और मानवीय दृष्टिकोण का उत्कृष्ट उदाहरण रहा।
आईएसबीटी क्षेत्र में जलभराव की समस्या का समाधान: वर्षों से देहरादून के आईएसबीटी क्षेत्र में चल रही जलभराव की समस्या को बंसल की पहल पर सुलझाया गया, जिससे हजारों लोगों को राहत मिली।
राज्य आंदोलनकारियों के लिए योजनाएं: उत्तराखंड राज्य निर्माण आंदोलन में भाग लेने वाले आंदोलनकारियों के हित में कई योजनाएं चलाई गईं, जिससे उनका सम्मान सुरक्षित हुआ।
सामाजिक और सांस्कृतिक जुड़ाव
समारोह में पद्मश्री लोकगायक प्रीतम भरतवाण, प्रसिद्ध लोकगायिका मीना राणा, राज्य आंदोलनकारी, लेखक, सामाजिक संगठनों के प्रतिनिधि और बुद्धिजीवी वर्ग शामिल रहा। सभी ने डीएम बंसल की कार्यशैली की सराहना की और उन्हें जन-प्रशासन का एक प्रेरणादायी चेहरा बताया।
वक्ताओं ने इस बात को रेखांकित किया कि बंसल के नेतृत्व में देहरादून जिला प्रशासन ने स्वास्थ्य, शिक्षा, सामाजिक कल्याण और बुनियादी सुविधाओं में सुधार की दिशा में उल्लेखनीय प्रगति की है। उन्होंने प्रशासन को केवल फाइलों तक सीमित न रखकर जनता से सीधे जुड़ने का प्रयास किया है।
निष्कर्ष
डीएम सविन बंसल को मिला ‘लोकरत्न हिमालय सम्मान’ न केवल एक अधिकारी को सम्मानित करना है, बल्कि यह उस सोच को भी सम्मान देना है जो प्रशासन को मानवीय बनाती है। जिस तरह से उन्होंने जनता के दर्द को समझकर काम किया है, वह आज के दौर में एक मिसाल के रूप में देखा जा रहा है।
यह सम्मान उन्हें न सिर्फ उनके कार्यों के लिए, बल्कि उनकी सोच, दृष्टिकोण और नेतृत्व क्षमता के लिए भी दिया गया है। उनके प्रयासों से यह संदेश जाता है कि एक जिम्मेदार प्रशासनिक अधिकारी अगर चा
हे तो समाज में बड़े बदलाव ला सकता है।