देहरादून। राज्य में पेयजल की पर्याप्त उपलब्धता सुनिश्चित करने के लिए सरकार ने नदियों पर बैराज निर्माण और चैकडैम परियोजनाओं को प्राथमिकता देने का निर्णय लिया है। मुख्य सचिव आनंद बर्द्धन ने इस दिशा में ठोस कदम उठाते हुए पांच वर्षीय कार्ययोजना तैयार करने के निर्देश दिए हैं, जिसमें समयबद्ध तरीके से निर्माण कार्य पूरे करने पर जोर दिया जाएगा।
मुख्य सचिव ने मंगलवार को सचिवालय में सिंचाई, लघु सिंचाई और जलस्रोत एवं नदी पुनर्जीवीकरण प्राधिकरण के अधिकारियों के साथ बैठक कर स्पष्ट किया कि बैराज और चैकडैम का निर्माण जल संग्रहण क्षमता बढ़ाने, भूजल स्तर सुधारने और जलस्रोतों के पुनर्जीवन में अहम भूमिका निभाएगा। उन्होंने कहा कि इन परियोजनाओं के जरिए मानसून के समय होने वाली अचानक बाढ़ जैसी घटनाओं, जैसे कि धराली हादसा, को भी रोका जा सकता है।
बैठक में यह भी तय हुआ कि जल संग्रहण क्षेत्र और जलस्रोतों के उपचार पर विशेष ध्यान दिया जाएगा। मुख्य सचिव ने निर्देश दिए कि बैराज और चैकडैम की प्राथमिकता सूची तैयार की जाए, जिसमें पेयजल और सिंचाई योजनाओं को शीर्ष स्थान दिया जाए। साथ ही, शहरी क्षेत्रों में भूजल पुनर्भरण के लिए लगातार प्रयास जारी रखने और पर्यावरण के अनुकूल तकनीक अपनाने पर जोर दिया गया।
उन्होंने जलाशयों के निर्माण कार्य में गति लाने और ‘डा. श्यामा प्रसाद मुखर्जी जलाशय’ जैसी परियोजनाओं की साप्ताहिक समीक्षा करने के आदेश भी दिए। इसके अतिरिक्त, पौड़ी जिले के सतपुली बैराज को जल्द पूरा करने और नैनीताल में प्रस्तावित खैराना बैराज का कार्य शीघ्र आरंभ करने के निर्देश दिए गए।
इस बैठक में सचिव दिलीप जावलकर, युगल किशोर पंत, अपर सचिव हिमांशु खुराना सहित अन्य वरिष्ठ अधिकारी उपस्थित रहे।