उत्तराखंड सरकार महिला एवं बाल कल्याण को लेकर तेजी से कदम उठा रही है। महिला सशक्तीकरण एवं बाल विकास मंत्री रेखा आर्या ने हाल ही में विधानसभा भवन स्थित सभागार में विभागीय योजनाओं की समीक्षा बैठक की, जिसमें कई अहम घोषणाएं और दिशा-निर्देश जारी किए गए।

‘मुख्यमंत्री जच्चा-बच्चा शुभजीवन प्रोत्साहन योजना’ जल्द होगी शुरू

मंत्री आर्या ने बताया कि मुख्यमंत्री के समक्ष “मुख्यमंत्री जच्चा-बच्चा शुभजीवन प्रोत्साहन योजना” का प्रस्ताव प्रस्तुत किया गया है। योजना के तहत गर्भवती महिलाओं के लिए “एक हजार सुनहरे दिन” की कार्ययोजना बनाई जाएगी, जिसका उद्देश्य नवजात शिशु और माता के पोषण एवं स्वास्थ्य की संपूर्ण सुरक्षा सुनिश्चित करना है। इस योजना का अंतिम स्वरूप शीघ्र तैयार कर लागू किया जाएगा।

20 मई से नियुक्ति पत्र वितरण की प्रक्रिया शुरू होगी

राज्य के ग्रामीण क्षेत्रों में कार्यरत सात हजार से अधिक आंगनबाड़ी कार्यकर्ताओं और सहायिकाओं को 20 मई से नियुक्ति पत्र प्रदान किए जाएंगे। मंत्री आर्या ने जानकारी दी कि राज्य के 12 जिलों में चयन प्रक्रिया पूरी हो चुकी है और हरिद्वार की सूची इसी सप्ताह जारी कर दी जाएगी। अधिकारियों को निर्देश दिए गए हैं कि वे सूची में प्राप्त आपत्तियों का त्वरित निस्तारण करें ताकि समय पर नियुक्तियां सुनिश्चित हो सकें।

नंदा-गौरा योजना में बदलाव, स्नातक के बाद भी मिलेगी आर्थिक सहायता

बैठक में नंदा-गौरा योजना में बदलाव की भी घोषणा की गई। वर्तमान में योजना के अंतर्गत 12वीं कक्षा के बाद ग्रेजुएशन में प्रवेश लेने पर बालिकाओं को 51,000 रुपये की आर्थिक सहायता दी जाती है। अब यह प्रस्ताव किया गया है कि स्नातक पूर्ण करने के बाद भी बालिकाओं को “सम्मानजनक आर्थिक सहायता” दी जाए। साथ ही, यदि छात्रा 12वीं के बाद कोई स्किल-बेस्ड कोर्स करती है, तो उसे भी लाभान्वित किया जाएगा।

महिला कल्याण कोष से संकट के समय मिलेगी त्वरित मदद

महिला कल्याण कोष की चर्चा करते हुए मंत्री ने बताया कि इसमें आबकारी विभाग से प्राप्त शुल्क का उपयोग किया जाएगा। हालांकि वित्त विभाग ने इसकी नियमावली को लेकर कुछ आपत्तियाँ जताई थीं, जिनका निस्तारण कर प्रस्ताव को कैबिनेट में पेश किया जाएगा। इस कोष से आपदा या दुर्घटना में अनाथ हुए बच्चों, दिव्यांग महिलाओं और बच्चों को 5,000 से 25,000 रुपये तक की त्वरित सहायता दी जा सकेगी। आवेदन की समयसीमा सप्ताहभर निर्धारित की गई है।

मुख्यमंत्री एकल महिला स्वरोजगार योजना में होंगे जरूरी संशोधन

मुख्यमंत्री एकल महिला स्वरोजगार योजना को पहले ही कैबिनेट से स्वीकृति मिल चुकी है। हालांकि, कुछ आवश्यक संशोधन प्रस्ताव में शामिल नहीं हो पाए थे। अब योजना में रिकवरी की अवधि छह माह निर्धारित करने सहित अन्य बिंदुओं पर संशोधन कर इसे पुनः कैबिनेट में प्रस्तुत किया जाएगा।

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