राजकीय उच्चतर माध्यमिक विद्यालय, ऐथल में कर्मचारियों की भविष्य निधि और छात्रों की फीस में अनियमितता के मामले में लिपिक मदन सिंह गोसाई को अदालत ने दोषी ठहराया है। उन्हें पांच साल की सश्रम जेल और 10 हजार रुपये जुर्माने की सजा सुनाई गई है।
यह मामला तब सामने आया जब विद्यालय के तत्कालीन प्रधानाचार्य ने खातों की जांच के दौरान वित्तीय गड़बड़ियों का खुलासा किया। जांच में सामने आया कि वर्ष 2008 में लिपिक ने कई प्रधानाचार्यों के फर्जी हस्ताक्षर बनाकर जीपीएफ खातों से धन निकाला। साथ ही, छात्र-छात्राओं से एकत्रित शुल्क को भी सरकारी पासबुक में जमा न कर निजी लाभ के लिए इस्तेमाल किया गया।
पथरी थाना पुलिस द्वारा की गई जांच के बाद अदालत में आरोप पत्र दाखिल किया गया। मुकदमे की सुनवाई के दौरान करीब 14 गवाहों के बयान दर्ज किए गए, जिनके आधार पर अदालत ने आरोपी को दोषी ठहराया। सहायक अभियोजन अधिकारी नवेंदु कुमार मिश्रा के अनुसार, यह घोटाला सरकारी धन के दुरुपयोग और सरकारी तंत्र की साख को नुकसान पहुंचाने वाला गंभीर मामला था।