Demo

देहरादून, 14 अप्रैल 2025 – उत्तराखंड की शांत और खूबसूरत वादियों में बसे मसूरी से एक चौंकाने वाला मामला सामने आया है, जिसमें साइबर अपराधियों ने एक कपड़ा व्यवसायी को ठगी का शिकार बना लिया। ये घटना इस बात का प्रमाण है कि आधुनिक तकनीक का दुरुपयोग कर किस तरह लालच और धोखे के जाल में लोगों को फंसाया जा रहा है।

मसूरी के जाखन क्षेत्र में रहने वाले गारमेंट्स कारोबारी मनोज कुमार अग्रवाल को साइबर ठगों ने एक नामी फर्नीचर कंपनी का झूठा फाइनेंशियल एडवाइजर बनकर झांसे में लिया और निवेश के बदले दोगुना मुनाफा दिलाने का प्रलोभन देकर करीब 1 करोड़ 17 लाख रुपये की ठगी कर डाली।

सोफा कंपनी के नाम पर भरोसे की ठगी

मनोज अग्रवाल ने पुलिस में दर्ज शिकायत में बताया कि 15 मार्च को एक अनजान व्यक्ति ने उन्हें एक व्हाट्सएप ग्रुप में शामिल किया। उस व्यक्ति ने खुद को एएसके इन्वेस्टमेंट मैनेजमेंट लिमिटेड नामक एक प्रतिष्ठित सोफा कंपनी का वित्तीय सलाहकार बताया। ग्रुप में पहले से मौजूद अन्य सदस्यों द्वारा मुनाफे के फर्जी स्क्रीनशॉट साझा किए गए, जिससे पीड़ित का भरोसा धीरे-धीरे पक्का होता गया।

व्हाट्सएप ग्रुप के जाल में फंसता गया कारोबारी

इसके दो दिन बाद यानी 17 मार्च को मनोज को दो और व्हाट्सएप ग्रुप में जोड़ा गया, जिनमें कुल 108 सदस्य शामिल थे। इन ग्रुप्स में भी लगातार निवेश को लाभदायक और सुरक्षित बताया गया। यहां तक कि यह भी कहा गया कि निवेश के 24 से 48 घंटों के भीतर ही लाभ की राशि सीधे खाते में ट्रांसफर कर दी जाती है।

इस लगातार बहकावे में आकर कारोबारी ने 17 मार्च से 4 अप्रैल के बीच कई बार में कुल 1 करोड़ 17 लाख रुपये विभिन्न खातों में ट्रांसफर कर दिए।

फर्जी डैशबोर्ड पर दिखाया जा रहा था मुनाफा

ठगों ने व्हाट्सएप के माध्यम से पीड़ित को एक ऑनलाइन डैशबोर्ड भी प्रदान किया, जिसमें उसे लगातार लाभ की झूठी जानकारी दिखाई जा रही थी। यह दिखाने की कोशिश की गई कि उसका निवेश फल-फूल रहा है और जल्द ही मोटी रकम उसे मिलने वाली है।

लेकिन जब पीड़ित ने अपने पैसों को निकालने की कोशिश की, तो उसे कहा गया कि निकासी से पहले उसे अतिरिक्त 72 लाख रुपये और जमा करने होंगे। यहीं से उसे संदेह हुआ और उसने तुरंत साइबर क्राइम थाना में शिकायत दर्ज कराई।

साइबर सेल की तफ्तीश शुरू, बैंक खातों पर नजर

इस मामले की पुष्टि करते हुए सीओ साइबर क्राइम कंट्रोल अंकुश मिश्रा ने जानकारी दी कि पीड़ित की शिकायत के आधार पर अज्ञात आरोपियों के विरुद्ध मुकदमा दर्ज कर लिया गया है। साथ ही जिन खातों में धनराशि ट्रांसफर की गई है, उन्हें ट्रेस कर जांच की जा रही है। तकनीकी टीम भी सक्रिय हो चुकी है और जल्द ही आरोपियों की पहचान कर कार्रवाई की जाएगी।

लालच बना अपराधियों का सबसे मजबूत हथियार

साइबर सेल के अधिकारियों ने बताया कि इस तरह के मामलों में अपराधी आम तौर पर निवेश, मुनाफे और सुरक्षित लेन-देन के नाम पर भोले-भाले नागरिकों को झांसे में लेते हैं। लोग अक्सर बिना जांच-पड़ताल किए लालच में आ जाते हैं और बड़ी रकम गवां बैठते हैं।

सावधानी ही सुरक्षा है: लोगों को सतर्क रहने की सलाह

पुलिस और साइबर सुरक्षा एजेंसियों की ओर से बार-बार यह अपील की जा रही है कि कोई भी ऑनलाइन स्कीम या ऑफर पर आंख मूंदकर भरोसा न करें। किसी भी तरह के निवेश से पहले कंपनी की सच्चाई, वैधता और लाइसेंस की जांच करें।

यह मामला फिर से यही सिखाता है कि डिजिटल दुनिया में सतर्कता, जागरूकता और सोच-समझ के साथ कदम उठाना ही सबसे बड़ा हथियार है।

यह भी पढ़ें:हरिद्वार में रेलवे ट्रैक के पास मिला नवजात शिशु

 

 

Share.
Leave A Reply

Live Almora

Stay connected with Live Almora – your trusted source for local news, events, and updates from Almora and across Uttarakhand. Real stories, real voices, right from the hills.

Contact Us-  
Aryan Sharma
Kalli mitti gaon
Thano road
Raipur dehradun
Phone – 91934 28304