हल्द्वानी: गौला पुल का संपर्क मार्ग एक बार फिर से ध्वस्त हो गया है, जिससे पूरे क्षेत्र में यातायात व्यवस्था प्रभावित हो गई है। 14 सितंबर की सुबह करीब 15 फीट लंबी और 20 फीट चौड़ी सड़क का हिस्सा नदी के तेज बहाव में बह गया। यह घटना 11 सालों में दूसरी बार हुई है जब पुल का संपर्क मार्ग टूटा है। घटना के बाद से प्रशासन और पुलिस मौके पर मौजूद हैं और मरम्मत कार्य शुरू कर दिया गया है।
पिछले 11 सालों में दूसरी बार संपर्क मार्ग टूटा
गौला पुल पर इससे पहले भी 19 अक्टूबर 2021 को आई आपदा के दौरान संपर्क मार्ग टूट गया था। इसके बाद करोड़ों रुपये खर्च कर पुल की मरम्मत की गई थी और सुरक्षा के लिए पत्थरों की दीवार (वायरक्रेट) लगाई गई थी। लेकिन भारी बारिश के कारण शुक्रवार रात को सुरक्षा दीवार का एक बड़ा हिस्सा फिर से बह गया। इस बार नदी के नजदीक स्थित दो घर भी बह गए, जबकि एक को आंशिक नुकसान हुआ है।
अधिकारियों ने समय रहते पुल को बंद किया
गौला नदी में बढ़ते जलस्तर और पुल की स्थिति को देखते हुए प्रशासन ने शुक्रवार शाम पांच बजे ही पुल को वाहनों के लिए बंद कर दिया था। हालांकि, शनिवार सुबह तक पुल का एक बड़ा हिस्सा पानी में समा चुका था। मौके पर पहुंचे अधिकारियों ने तत्काल मरम्मत के निर्देश दिए और सिटी मजिस्ट्रेट ने बताया कि भारतीय राष्ट्रीय राजमार्ग प्राधिकरण (एनएचएआई) इस पुल की मरम्मत कराएगा।
2008 में भी पूरी तरह ढह गया था पुल
गौला पुल 2008 में पूरी तरह से ढह गया था, जिसके बाद इसे 2013 में फिर से बनाया गया। 315 मीटर लंबे इस पुल का निर्माण वुडहिल कंस्ट्रक्शन कंपनी द्वारा 19.77 करोड़ रुपये की लागत से किया गया था। पुल बनने के बाद 2021 और अब 2024 में इसका संपर्क मार्ग टूट चुका है।
रेलवे क्रासिंग से पुल तक की सड़क भी खतरे में
गौला पुल तक पहुंचने के लिए रेलवे क्रासिंग से लगभग 100 मीटर लंबी सड़क का भी एक हिस्सा कटने लगा है। इस सड़क का स्वामित्व लोक निर्माण विभाग (लोनिवि) के पास है और विभाग जल्द ही इस सड़क की मरम्मत करेगा।
सांसद अजय भट्ट ने दिए त्वरित मरम्मत के निर्देश
सांसद अजय भट्ट ने मौके पर पहुंचकर अधिकारियों को निर्देश दिया कि नदी का जलस्तर कम होते ही पुल और सड़क की मरम्मत का काम तेजी से शुरू किया जाए। उन्होंने एनएचएआई, प्रशासन, वन विभाग और सिंचाई विभाग को आपसी समन्वय से इस काम को जल्द पूरा करने का निर्देश दिया है।