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उत्तराखंड में बीआरपी (ब्लॉक रिसोर्स पर्सन) और सीआरपी (क्लस्टर रिसोर्स पर्सन) के 955 पदों पर नियुक्तियों का मामला लम्बे समय से लटका हुआ है, जिससे समग्र शिक्षा योजना के अंतर्गत इन पदों की भूमिका पर सवाल उठने लगे हैं। इस नियुक्ति प्रक्रिया में देरी से जहां विद्यालयों की शिक्षा गुणवत्ता प्रभावित हो रही है, वहीं केन्द्र द्वारा निर्धारित वेतन मद के करोड़ों रुपये भी अनुपयोगी रह रहे हैं।

 

**समग्र शिक्षा योजना पर पड़ रहा असर**

 

समग्र शिक्षा योजना के अंतर्गत इन पदों का विद्यालयों में उच्च प्राथमिक और प्राथमिक शिक्षा की गुणवत्ता बढ़ाने में अहम योगदान है, लेकिन नियुक्ति न होने के कारण योजना के क्रियान्वयन में रुकावट आ रही है। शिक्षा मंत्री डॉ. धन सिंह रावत ने इस मुद्दे पर गहरी नाराजगी व्यक्त की और विभागीय अधिकारियों को निर्देश दिए कि भर्ती प्रक्रिया में आ रही समस्याओं का शीघ्र समाधान किया जाए।

 

**प्रयाग पोर्टल में समस्याएं, जल्द होगा समाधान**

 

डॉ. रावत ने कहा कि प्रयाग पोर्टल के माध्यम से भर्ती प्रक्रिया में आ रही तकनीकी समस्याओं को दूर करने के लिए कौशल विकास एवं सेवायोजन विभाग संबंधित शासनादेश में संशोधन का प्रस्ताव तैयार करेगा। यह कदम कैबिनेट में लाया जाएगा ताकि आउटसोर्स भर्ती प्रक्रिया में आ रही अड़चनों को समाप्त किया जा सके।

 

**मेरिट आधारित नियुक्तियां और शिक्षा की गुणवत्ता में सुधार**

 

उन्होंने बताया कि बीआरपी और सीआरपी पदों पर बड़ी संख्या में आवेदन किए गए हैं और पंजीकरण का काम चल रहा है। प्रयाग पोर्टल में समस्याएं दूर होते ही मेरिट के आधार पर इन पदों पर नियुक्तियां दी जाएंगी। इससे न केवल शिक्षकों के काम का दबाव कम होगा, बल्कि विद्यालयों में शिक्षा की गुणवत्ता में भी सुधार होगा।

 

**चतुर्थ श्रेणी कर्मचारियों की भर्ती में भी जल्द होगा सुधार**

 

शिक्षा मंत्री ने यह भी बताया कि विद्यालयी शिक्षा विभाग में करीब 2500 चतुर्थ श्रेणी के पद रिक्त हैं, जिनकी भर्ती प्रक्रिया भी प्रयाग पोर्टल के माध्यम से शुरू की जाएगी। पोर्टल में आ रही तकनीकी खामियों को दूर करने के बाद, इन पदों पर भर्ती प्रक्रिया जल्द शुरू की जाएगी।

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