पूर्व कैबिनेट मंत्री और कांग्रेस नेता हरक सिंह रावत ने ईडी की कार्रवाई पर सवाल उठाते हुए इसे राजनीति से प्रेरित बताया है। उन्होंने कहा कि पाखरो टाइगर रिजर्व से उनका कोई संबंध नहीं है, लेकिन फिर भी वह इसकी सजा भुगत रहे हैं। रावत ने कहा कि अब वह इस मामले को सुप्रीम कोर्ट तक ले जाएंगे।
उन्होंने सोशल मीडिया पर एक वीडियो में कहा कि अगर पाखरो मामले में तत्कालीन वन मंत्री का लेना-देना है, तो फिर तत्कालीन मुख्यमंत्री, प्रमुख सचिव वन और अन्य अधिकारियों का भी संबंध होना चाहिए। केवल उन्हें निशाना बनाना गलत है। उन्होंने आरोप लगाया कि ईडी की कार्रवाई का मकसद उन्हें हरिद्वार लोकसभा सीट से चुनाव लड़ने से रोकना है।
चुनाव के समय ईडी सक्रिय क्यों होती है?
हरक सिंह रावत ने कहा कि हर बार चुनाव के दौरान ईडी उन्हें या उनके परिवार को निशाना बनाती है। उन्होंने कहा कि झारखंड और दिल्ली के मामलों में हाईकोर्ट और सुप्रीम कोर्ट ने ईडी को फटकार लगाई है। सहसपुर जमीन घोटाले के मामले में उन्होंने कहा कि उनके पास पूरे दस्तावेज मौजूद हैं और उन्होंने कुछ गलत नहीं किया।
पूर्व मुख्यमंत्रियों पर साधा निशाना
हरक सिंह रावत ने पूर्व मुख्यमंत्री रमेश पोखरियाल निशंक और हरीश रावत पर भी निशाना साधा। उन्होंने कहा कि जब उन्होंने पावर प्रोजेक्ट का मामला उठाया तो निशंक उनके खिलाफ हो गए और बाद में हरीश रावत भी उन्हें टेढ़ी नजर से देखने लगे।
ईडी ने जमीन को अटैच किया
दो दिन पहले ईडी ने हरक सिंह रावत की सहसपुर में 101 बीघा जमीन को अटैच किया है। यह जमीन उनकी पत्नी दीप्ति रावत और करीबी लक्ष्मी राणा के नाम पर खरीदी गई थी। इस पर पूर्णा देवी मेमोरियल