Haridwar हरिद्वार। गंगा दशहरा और निर्जला एकादशी स्नान पर्व के मद्देनज़र हरिद्वार पुलिस ने यातायात प्लान जारी कर दिया है। बुधवार रात 12 बजे से शहर में भारी वाहनों का प्रवेश पूरी तरह रोक दिया गया है। यह व्यवस्था 5, 6 और 7 जून तक प्रभावी रहेगी।
धर्मनगरी हरिद्वार में गंगा दशहरा के मौके पर श्रद्धालुओं की भारी भीड़ उमड़ी। गंगा घाटों पर लोगों ने डुबकी लगाई और पूजन-अर्चन किया। भीड़ के चलते हरिद्वार-देहरादून हाईवे पर कई जगहों पर ट्रैफिक जाम की स्थिति बन गई।
गंगा दशहरा भारतीय संस्कृति और श्रद्धा का प्रमुख पर्व है, जो ज्येष्ठ मास की शुक्ल पक्ष की दशमी तिथि को मनाया जाता है। मान्यता है कि इसी दिन राजा भगीरथ के तप से प्रसन्न होकर मां गंगा स्वर्ग से पृथ्वी पर अवतरित हुई थीं।
इस वर्ष गंगा दशहरा के दिन एक दुर्लभ संयोग बन रहा है — हस्त नक्षत्र, सिद्धि योग और व्यतिपात योग का संगम हो रहा है। ज्योतिषाचार्यों के अनुसार, इस दिव्य संयोग में गंगा में स्नान, दान, तप और जप करने से कई गुना पुण्य की प्राप्ति होती है।
गंगा दशहरा पर्व केवल स्नान का पर्व नहीं, बल्कि तन-मन की शुद्धि, और आस्था की अभिव्यक्ति का दिन है। मां गंगा को कल्याणकारी शक्ति के रूप में पूजा जाता है। यह पर्व भारतीय सभ्यता की गहराई और उसकी आध्यात्मिक चेतना का प्रतीक है।
हालांकि, श्रद्धालुओं से अपील की गई है कि गंगा स्नान के दौरान कुछ सावधानियां ज़रूरी हैं। गंगा में शरीर का मैल नहीं धोना चाहिए, न ही कपड़े। प्लास्टिक और अन्य अजैविक वस्तुएं गंगा में न फेंकी जाएं। यथाशक्ति दान करें और घी का दीपक जलाकर मां गंगा को अर्पित करें।
ज्योतिषाचार्य उदय शंकर भट्ट ने बताया कि गंगा दशहरा पर बन रहे इन शुभ योगों में गंगा पूजन और स्नान विशेष फलदायी होता है। गंगा भारतीय संस्कृति की रीढ़ हैं, और उनका पूजन आत्मिक कल्याण का मार्ग प्रश
स्त करता है।