Haridwar Uttarakhand – उत्तराखंड के इतिहास में एक नया अध्याय जुड़ गया है। मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने आज अपने कार्यकाल के चार साल पूरे कर राज्य के सबसे लंबे समय तक लगातार मुख्यमंत्री बने रहने का गौरव प्राप्त किया। इस अवसर को और भी पावन बनाने के लिए उन्होंने हरिद्वार स्थित विश्वप्रसिद्ध हरकी पैड़ी पर आयोजित “नदी उत्सव” कार्यक्रम का शुभारंभ किया।
इस खास मौके पर मुख्यमंत्री ने विधिवत गंगा पूजन कर मां गंगा से प्रदेश और राष्ट्र के सुख, शांति और समृद्धि की कामना की। गंगा आरती की दिव्यता के बीच जब दीपों की रौशनी गंगा की लहरों पर झिलमिलाई, तो पूरा वातावरण आध्यात्मिक ऊर्जा से भर उठा।
मुख्यमंत्री धामी ने इस दिन को अपने जीवन का एक विशेष अध्याय बताते हुए कहा,
“आज का दिन मेरे लिए सिर्फ एक तिथि नहीं, बल्कि भावनाओं से जुड़ा एक प्रतीक है। ठीक चार साल पहले मेरी पार्टी ने मुझ पर विश्वास जताकर उत्तराखंड की सेवा का दायित्व सौंपा था। इन चार वर्षों में कई उतार-चढ़ाव आए, लेकिन हमने हर चुनौती को अवसर में बदलने की कोशिश की।”
चुनौतियों को अवसर में बदला
वर्ष 2021 में मुख्यमंत्री की कुर्सी संभालने वाले पुष्कर सिंह धामी ने तब कमान संभाली थी, जब राज्य में राजनीतिक अस्थिरता और वैश्विक महामारी का संकट मौजूद था। लेकिन उन्होंने अपने कार्यशैली में दृढ़ता, स्पष्टता और युवा ऊर्जा का परिचय देते हुए न केवल सरकार को स्थिर किया, बल्कि राज्य को विकास की ओर भी अग्रसर किया।
चाहे कोविड महामारी से निपटने की रणनीति हो, रोजगार बढ़ाने की दिशा में फैसले हों, या फिर चारधाम यात्रा को व्यवस्थित और सुरक्षित बनाने का संकल्प—धामी सरकार ने हर मोर्चे पर गंभीरता दिखाई।
‘सबका साथ, सबका विकास’ का मार्ग
मुख्यमंत्री ने अपने संबोधन में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के मंत्र “सबका साथ, सबका विकास, सबका विश्वास और सबका प्रयास” को अपनी सरकार की प्रेरणा बताया। उन्होंने कहा कि उत्तराखंड की सेवा उनके लिए सिर्फ एक राजनीतिक जिम्मेदारी नहीं, बल्कि “धर्म और कर्तव्य” का मिश्रण है।
“हमने राज्य के स्वाभिमान को ऊंचा करने का काम किया है। आज उत्तराखंड न सिर्फ धार्मिक पर्यटन का केंद्र है, बल्कि निवेश और बुनियादी ढांचे के विकास में भी नई मिसाल कायम कर रहा है,” उन्होंने कहा।
जनता का समर्थन बना ताकत
धामी के चार वर्षों के इस कार्यकाल को जनता का अभूतपूर्व समर्थन मिला है। हरकी पैड़ी पर आयोजित कार्यक्रम में भी बड़ी संख्या में स्थानीय नागरिक, संत समाज, छात्र, महिलाएं और युवा मौजूद थे। लोग ‘जय गंगा’, ‘जय उत्तराखंड’ और ‘धामी जी आगे बढ़ो’ जैसे नारों के साथ मुख्यमंत्री का उत्साहवर्धन कर रहे थे।
राज्य के अलग-अलग हिस्सों से आए बीजेपी कार्यकर्ताओं और साधु-संतों ने भी मुख्यमंत्री को उनके ‘स्थिर और समर्पित नेतृत्व’ के लिए बधाई दी।
नदी उत्सव: प्रकृति और संस्कृति का संगम
“नदी उत्सव” कार्यक्रम केवल एक राजनीतिक या धार्मिक आयोजन नहीं था, बल्कि यह गंगा नदी की सांस्कृतिक, पर्यावरणीय और आध्यात्मिक महत्ता को पुनः स्थापित करने की कोशिश थी। इस आयोजन के माध्यम से जल संरक्षण, स्वच्छता और गंगा की अविरलता को लेकर जागरूकता भी फैलाई गई।
मुख्यमंत्री ने कहा कि गंगा सिर्फ एक नदी नहीं, बल्कि भारत की आत्मा है। उन्होंने युवाओं से आह्वान किया कि वे गंगा और अन्य नदियों की शुद्धता बनाए रखने में अपनी भागीदारी निभाएं।
भविष्य की झलक
अपने भाषण के अंत में मुख्यमंत्री धामी ने आगामी योजनाओं की भी झलक दी। उन्होंने कहा कि राज्य सरकार का लक्ष्य 2025 तक उत्तराखंड को देश का सर्वश्रेष्ठ पहाड़ी राज्य बनाना है। इसके लिए:
बुनियादी ढांचे में सुधार,
स्वास्थ्य सेवाओं को मजबूत करना,
शिक्षा में नवाचार लाना,
नौकरी और स्वरोजगार के नए अवसर पैदा करना,
और पर्यटन को वैश्विक स्तर तक पहुंचाना
सरकार की प्राथमिकताएं रहेंगी।
उन्होंने युवाओं से जुड़ने का संदेश देते हुए कहा,
“नई पीढ़ी के सपनों को साकार करने के लिए हमने मिशन मोड पर काम शुरू कर दिया है। उत्तराखंड के नौजवानों को रोजगार, प्रशिक्षण और नेतृत्व के अवसर देना हमारी सर्वोच्च प्राथमिकता है।”
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निष्कर्ष:
मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी का यह चार साल का कार्यकाल कई मायनों में ऐतिहासिक रहा है—राजनीतिक स्थायित्व, प्रशासनिक सक्रियता और जनता से जुड़े रहने की भावना ने उन्हें न सिर्फ एक कुशल राजनेता, बल्कि जनता के प्रिय सेवक के रूप में स्थापित किया है।
हरकी पैड़ी पर मां गंगा के सामने लिया गया यह संकल्प आने वाले वर्षों में उत्तराखंड के विकास की नई दिशा तय करने वाला प्रतीत होता है। अब देखने वाली बात यह होगी कि आने वाले समय में धा
मी सरकार इस विरासत को और कितनी ऊंचाइयों तक ले जा पाती है।