देहरादून। उत्तराखंड में लगातार हो रही तेज बारिश से हालात गंभीर हो गए हैं। चमोली, रुद्रप्रयाग और टिहरी समेत कई जिलों में बादल फटने और भूस्खलन की घटनाएं सामने आई हैं। रुद्रप्रयाग में कई घर और वाहन मलबे में दब गए, जिसमें छह लोग लापता बताए जा रहे हैं। वहीं, चमोली जिले के देवाल मोपाटा गांव में भूस्खलन की चपेट में आने से एक दंपती की मौत हो गई।
जान-माल का नुकसान
गुरुवार रात हुई बारिश से चमोली, रुद्रप्रयाग, टिहरी और बागेश्वर सबसे ज्यादा प्रभावित हुए हैं।
बागेश्वर: पोसारी गांव में एक भवन ढहने से पांच लोगों की मौत।
चमोली: भूस्खलन से घर दबने पर दंपती की मौत।
रुद्रप्रयाग: बड़ेथ डुंगर तोक क्षेत्र में एक महिला की मौत, आठ लोग लापता जिनमें चार नेपाली श्रमिक भी शामिल।
सड़कें और नदियां प्रभावित
लगातार बारिश और भूस्खलन से राज्यभर में यातायात ठप हो गया है।
उत्तरकाशी में गंगोत्री और यमुनोत्री हाईवे बंद।
पौड़ी श्रीनगर में अलकनंदा नदी का जलस्तर बदरीनाथ हाईवे तक पहुंचा।
हल्द्वानी-भीमताल हाईवे रानीबाग के पास अवरुद्ध।
देहरादून के दूधली में सुसवा नदी में बहे एक सात वर्षीय बच्चे का शव मिला।
राहत-बचाव कार्य
आपदा प्रभावित इलाकों में SDRF, NDRF, पुलिस और प्रशासन लगातार राहत एवं बचाव अभियान चला रहे हैं। कई जगहों पर मलबा हटाने और लापता लोगों को ढूंढने का काम जारी है। हरिद्वार में भी तेज बारिश से कई हिस्सों में जलभराव हो गया है।
प्रशासन की तैयारी
खतरनाक मौसम को देखते हुए पांच जिलों में स्कूलों में छुट्टी घोषित की गई है। मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी लगातार जिलाधिकारियों से संपर्क में हैं और उन्होंने राहत एवं पुनर्वास कार्य तेज करने के निर्देश दिए हैं।
बसुकेदार से अपडेट
छेनागाड़ क्षेत्र में भारी नुकसान की खबर है। यहां चार स्थानीय और चार नेपाली श्रमिक मलबे में दबे होने की आशंका है। सात से आठ स्थानों पर सड़कें टूटने से राहत टीमों को पहुंचने में देरी हुई, लेकिन अब रेस्क्यू ऑपरेशन तेज कर दिया गया है।