हिमाचल प्रदेश के मंडी जिले में भारी बारिश ने कहर मचा दिया है। मंगलवार रात से हो रही लगातार बारिश के कारण जिले में ब्यास नदी और नाले उफान पर हैं। भारत मौसम विज्ञान विभाग (IMD) ने राज्य के लिए रेड अलर्ट जारी किया है, जिससे हालात और अधिक गंभीर हो गए हैं। प्रशासन ने मंडी, कांगड़ा और हमीरपुर जिले में सभी शिक्षण संस्थानों को आज, 1 जुलाई 2025 को बंद रखने का फैसला किया है।
करसोग में बादल फटा, एक की मौत, कई लापता
मंडी के करसोग क्षेत्र में दो अलग-अलग जगहों पर बादल फटने की खबर है। इस हादसे में एक व्यक्ति की मौत हो गई है जबकि सात लोग लापता बताए जा रहे हैं। कई घर और गाड़ियां बह गई हैं। स्थिति की गंभीरता को देखते हुए 16 लोगों को सुरक्षित स्थानों पर पहुंचाया गया है, जिनमें 12 बच्चे और चार महिलाएं शामिल हैं।
पंडोह डैम से छोड़ा गया लाखों क्यूसेक पानी, मंडी में बाढ़ जैसे हालात
पंडोह डैम से 1.57 लाख क्यूसेक पानी छोड़ा गया है, जबकि पीछे से डैम में 1.65 लाख क्यूसेक पानी लगातार आ रहा है। इससे ब्यास नदी में बाढ़ आ गई है और पंडोह बाजार के जलमग्न होने की स्थिति बन गई है। डैम के सभी पांच गेट खोल दिए गए हैं, जिससे निचले क्षेत्रों में खतरा और बढ़ गया है। ब्यास किनारे बसे कई इलाकों में लोग अपने घर खाली कर चुके हैं।
पावर प्रोजेक्ट तबाह, सड़कें और पुल बहने की सूचना
सराज क्षेत्र के कुकलाह के पास स्थित 16 मेगावाट का पटिकरी पावर प्रोजेक्ट पूरी तरह से बह गया है। इसके अलावा मंडी जिले में 2008 में बने एक और पावर प्रोजेक्ट को भी भारी नुकसान पहुंचा है। फिलहाल इन पावर हाउसों में किसी की जान जाने की सूचना नहीं है। साथ ही कई पुल और गाड़ियां भी बह जाने की खबरें हैं, जिससे यातायात पूरी तरह से प्रभावित हुआ है।
धर्मपुर और सुजानपुर में हालात बिगड़े
धर्मपुर के भरैंड नाले में उफान आने के कारण बस अड्डा, घर और दुकानें जलमग्न हो गई हैं। किनारे बसे लोगों को तुरंत सुरक्षित स्थानों पर शिफ्ट किया गया है। वहीं, सुजानपुर के खैरी गांव में व्यास का जलस्तर बढ़ने से 5 से 7 घर पानी की चपेट में आ गए। स्थानीय लोगों ने सुबह करीब 4:30 बजे पुलिस और प्रशासन को सूचना दी, जिसके बाद जंगल बेरी बटालियन की टीम ने मोर्चा संभाला।
40 लोगों का सफल रेस्क्यू, डैम का पानी रोका गया
जलस्तर बेहद अधिक होने के कारण पुलिस टीम तुरंत मौके पर नहीं पहुंच पाई। जब पानी कुछ कम हुआ, तब सुबह करीब 8 बजे पुलिस और प्रशासन की टीम ने 40 लोगों को रेस्क्यू किया, जिनमें से 15 प्रवासी थे और बाकी स्थानीय लोग थे। थाना प्रभारी राकेश ने बताया कि पंडोह डैम से पानी बंद करवाकर रेस्क्यू संभव हो सका।
मंडी में प्रशासन अलर्ट मोड पर, एसडीआरएफ तैनात
मंडी के कई इलाकों में नालों और खड्डों में बाढ़ जैसी स्थिति बनी हुई है। घर और दुकानों में मलबा और पानी घुसने से भारी नुकसान हुआ है। जिला प्रशासन और एसडीआरएफ की टीम पूरी मुस्तैदी से रेस्क्यू और राहत कार्य में जुटी है, लेकिन कई स्थानों पर तेज बहाव के आगे टीमें भी बेबस नजर आ रही हैं।
डीसी मंडी और कांगड़ा का ऐलान: स्कूल बंद
जिला मंडी के डीसी अपूर्व देवगन ने बताया कि स्थिति पर लगातार नजर रखी जा रही है और रेस्क्यू टीमें काम कर रही हैं। उन्होंने बताया कि मंडी जिले के सभी स्कूल और कॉलेज 1 जुलाई को बंद रहेंगे। इसी तरह, कांगड़ा के डीसी हेमराज बेरवा ने भी भारी बारिश के मद्देनजर सभी शिक्षण संस्थानों को बंद रखने का आदेश जारी किया है। हमीरपुर जिला प्रशासन ने भी जन सुरक्षा को देखते हुए स्कूल बंद करने का निर्णय लिया है।
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निष्कर्ष
मंडी और आसपास के जिलों में भारी बारिश और बाढ़ ने जनजीवन को पूरी तरह से अस्त-व्यस्त कर दिया है। प्रशासन लगातार राहत और बचाव कार्य में जुटा है, लेकिन मौसम की गंभीरता के चलते चुनौतियां भी बढ़ रही हैं। लोगों से अपील की जा रही है कि वे सुरक्षित स्थानों पर रहें और प्रशासन द्वारा
जारी दिशा-निर्देशों का पालन करें।

