उत्तर प्रदेश के इलाहाबाद हाईकोर्ट ने एक महत्वपूर्ण फैसला सुनाया है, जिसमें कहा गया है कि भागकर शादी करने वाले जोड़ों को सिर्फ इसी आधार पर पुलिस सुरक्षा नहीं दी जा सकती। कोर्ट ने जोर देकर कहा कि ऐसे जोड़ों को समाज का सामना करना सीखना होगा और हर बार राज्य से सुरक्षा की उम्मीद नहीं रख सकते।

फैसले के मुख्य बिंदु

– पुलिस सुरक्षा के लिए पर्याप्त कारण नहीं: कोर्ट ने कहा कि सिर्फ शादी करना और डर के आधार पर सुरक्षा मांगना पर्याप्त नहीं है।

– समाज का सामना करने की आवश्यकता: कोर्ट ने जोर दिया कि युवा जोड़ों को समाज और परिवार के विरोध का साहसपूर्वक सामना करना चाहिए।

– सीमित संसाधनों का सही उपयोग: राज्य के संसाधन सीमित हैं और इन्हें सही मामलों में ही लगाया जाना चाहिए।

फैसले का महत्व

हाईकोर्ट के इस फैसले से यह स्पष्ट होता है कि भागकर शादी करने वाले जोड़ों को पुलिस सुरक्षा के लिए ठोस कारण और सबूत पेश करने होंगे। यह फैसला उन जोड़ों के लिए एक महत्वपूर्ण मार्गदर्शक हो सकता है जो अपने परिवार और समाज के विरोध के बावजूद शादी करना चाहते हैं।

मुझे इस मामले में अधिक विस्तृत जानकारी नहीं मिली। आप अन्य स्रोतों या खोज इंजन का उपयोग करके अधिक जानकारी प्राप्त कर सकते हैं।

Share.
Leave A Reply

Exit mobile version