उत्तराखंड सरकार ने प्रदेश के एक लाख से अधिक सरकारी कर्मचारियों के लिए एक महत्वपूर्ण और लाभकारी निर्णय लिया है।निष्कर्त्री पुष्कर सिंह धामी की सरकार ने कॉर्पोरेट सैलरी पैकेज के तहत कर्मचारियों और उनके परिवारों को 30 लाख से लेकर एक करोड़ रुपये तक का व्यक्तिगत बीमा कवरेज देने का ऐलान किया है। इसके साथ ही कर्मचारियों को कई अन्य वित्तीय लाभ भी प्राप्त होंगे, जिससे उनकी आर्थिक सुरक्षा में वृद्धि होगी।
बैंकों के साथ हुआ अनुबंध इस ऐतिहासिक निर्णय के तहत, सरकार ने एसबीआई, बैंक ऑफ बड़ौदा, यूनियन बैंक ऑफ इंडिया, केनरा बैंक और जिला सहकारी बैंक के साथ अनुबंध पत्र पर हस्ताक्षर किए हैं। इस अवसर पर वित्त मंत्री प्रेमचंद अग्रवाल भी मौजूद रहे। राज्य के लगभग 64 प्रतिशत सरकारी कर्मचारी जिनका खाता इन पांच बैंकों में है, इस पैकेज का लाभ उठा सकेंगे। मुख्यमंत्री ने कहा कि वेतन खाताधारकों को बीमा कवरेज के साथ-साथ अन्य वित्तीय सुविधाएं भी दी जाएंगी।
- विभिन्न परिस्थितियों में वित्तीय सहायता
इस पैकेज के अंतर्गत कार्मिकों को दुर्घटनावश मृत्यु, पूर्ण अपंगता और आंशिक अपंगता की स्थिति में उनके आश्रितों को क्षतिपूर्ति के रूप में वित्तीय लाभ प्रदान किए जाएंगे। पूर्ण अपंगता की स्थिति में 30 लाख से 50 लाख रुपये, जबकि आंशिक अपंगता की स्थिति में 10 लाख से 40 लाख रुपये की वित्तीय सहायता का प्रावधान है।
साथ ही, इस पैकेज में चिकित्सा खर्च, एंबुलेंस सेवाएं, बच्चों की शिक्षा और पुत्रियों के विवाह के लिए भी वित्तीय सहायता की व्यवस्था की गई है। प्राकृतिक मृत्यु की स्थिति में आश्रितों को तीन लाख से 10 लाख रुपये तक का आर्थिक योगदान भी मिलेगा।
सरकार की भविष्य की योजनाएं
मुख्यमंत्री धामी ने इस अवसर पर कहा कि भविष्य में यह प्रयास किया जाएगा कि शत-प्रतिशत सरकारी कर्मचारी इस पैकेज का लाभ उठा सकें। इसके लिए बैंकों को कारपोरेट सैलरी पैकेज को और अधिक लाभकारी बनाने के लिए निरंतर कार्य करने के लिए प्रोत्साहित किया जाएगा।
कार्यक्रम में अधिकारियों की उपस्थिति
इस कार्यक्रम में मुख्य सचिव राधा रतूड़ी, अपर मुख्य सचिव आनंद बर्द्धन, प्रमुख सचिव आरके सुधांशु, सचिव दिलीप जावलकर और अन्य वरिष्ठ अधिकारी भी उपस्थित रहे। एसबीआई के महाप्रबंधक दीपेश राज, बैंक ऑफ बड़ौदा के महाप्रबंधक एम अनिल, यूनियन बैंक के महाप्रबंधक अमरेंद्र कुमार और अन्य बैंक अधिकारियों ने भी कार्यक्रम में भाग लिया।
निष्कर्ष
यह निर्णय उत्तराखंड सरकार की ओर से सरकारी कर्मचारियों के प्रति संवेदनशीलता और उनकी सुरक्षा के प्रति वचनबद्धता को दर्शाता है। इससे न केवल कर्मचारियों के जीवन में सुरक्षा का एहसास होगा, बल्कि यह उन्हें मानसिक शांति और स्थिरता भी प्रदान करेगा।