उत्तराखंड और उत्तर प्रदेश में एक बड़े अंतरराज्यीय धर्मांतरण रैकेट का पर्दाफाश हुआ है, जिसमें अब तक पांच लोगों की गिरफ्तारी हो चुकी है। ताजा मामला देहरादून के सहसपुर इलाके से जुड़ा है, जहां अब्दुल रहमान नामक एक व्यक्ति को गिरफ्तार किया गया है। वह कथित तौर पर आगरा की दो सगी बहनों के जबरन धर्म परिवर्तन की साजिश में शामिल था।
सोशल मीडिया का इस्तेमाल कर रहे थे गिरोह के सदस्य
जांच में सामने आया है कि यह गिरोह इंस्टाग्राम जैसे सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म्स के जरिए युवतियों को अपने जाल में फंसाता था। पहले दोस्ती की जाती, फिर उन्हें आर्थिक मदद, नौकरी या शादी का लालच देकर इस्लाम अपनाने का दबाव डाला जाता। देहरादून निवासी एक युवती के पिता द्वारा की गई शिकायत के बाद मामला उजागर हुआ।
गिरोह का सक्रिय सदस्य निकला अब्दुल रहमान
बताया जा रहा है कि अब्दुल रहमान, जो पहले हिंदू था और अब मुस्लिम बन चुका है, मैनपुरी (यूपी) का मूल निवासी है और वर्तमान में देहरादून के सहसपुर में टैक्सी चालक के रूप में रह रहा है। 2015 में एक मुस्लिम महिला से शादी करने के लिए उसने धर्म बदला था। उत्तर प्रदेश एटीएस और उत्तराखंड एसटीएफ की संयुक्त कार्रवाई में उसे हिरासत में लेकर पूछताछ की गई।
राज्य में दर्ज हुआ 53वां मामला, 93 गिरफ्तारी
उत्तराखंड में 2018 से लागू धर्म स्वतंत्रता अधिनियम के तहत यह 53वां मामला है। अभी तक 93 आरोपी इस अधिनियम के तहत गिरफ्तार किए जा चुके हैं। इस नए केस में अब्दुल रहमान के अलावा अबु तालिब (मुजफ्फरनगर), अयान (दिल्ली), अमन और श्वेता (गोवा) को भी आरोपी बनाया गया है।
2012 से सक्रिय नेटवर्क, मास्टरमाइंड से था संपर्क
रहमान का संपर्क 2012 में जलालुद्दीन उर्फ छांगुर नामक व्यक्ति से हुआ था, जो इस रैकेट का मास्टरमाइंड बताया जाता है। तभी से वह लड़कियों के धर्मांतरण के काम में जुट गया। उसने दो विवाह किए और आठ बच्चों का पिता है। गिरोह में उसकी जिम्मेदारी उत्तराखंड की बताई जा रही है।
युवतियों पर दबाव: बुर्का, नमाज और कलमा
पुलिस के मुताबिक, आरोपी लड़कियों को इस्लाम अपनाने के लिए मजबूर करते थे। उन्हें बुर्का पहनने, नमाज पढ़ने और कलमा दोहराने के लिए कहा जाता था। सोशल मीडिया के जरिए उनका माइंडसेट बदला जाता था।
“द केरला स्टोरी” जैसी साजिश
आगरा की दो बहनों का केस काफी चौंकाने वाला है। मार्च में गायब हुईं ये बहनें कोलकाता में पाई गईं, जहां वे इस्लाम का प्रचार कर रही थीं। पुलिस जांच में सामने आया कि एक मुस्लिम युवती साईमा ने उन्हें बरगलाया और कोलकाता ले गई थी।
धमकी: धर्म न बदला तो देह व्यापार में धकेल देंगे
कुछ मामलों में युवतियों को डराया भी गया—अगर उन्होंने धर्म नहीं बदला, तो उन्हें देह व्यापार में धकेलने की धमकी दी जाती थी। गिरोह पढ़े-लिखे और सोशल मीडिया पर एक्टिव युवाओं को ही निशाना बनाता था।
जांच और छापेमारी जारी
एजेंसियां अब गिरोह से जुड़े अन्य सदस्यों की तलाश में हैं। सोशल मीडिया अकाउंट्स, कॉल रिकॉर्ड्स और चैट्स की जांच की जा रही है। प्रभावित युवति
यों के बयान दर्ज किए जा रहे हैं।