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kasar devi mandir almora: उत्तराखंड में कई ऐसे देवी देवता हैं जिनकी शक्तियों के बारे में जानकर हर कोई हैरान रह जाता है. हर देवी देवता की अलग-अलग खासियत है उनका अलग-अलग महत्व है और उनकी शक्तियां भी अलग-अलग हैं. वैसे तो कहा जाता है कि विज्ञान और धर्म एक सिक्के के दो पहलू होते हैं.जो रहते तो साथ हैं, अस्तित्व भी दोनों का है लेकिन हमेशा रहते एक दूसरे के विपरीत हैं। हालांकि कई बार ऐसा होता है जब कुछ ऐसे सवाल होते है जिनका जवाब विज्ञान के पास भी नही होता और ऐसी परिस्थितियों में विज्ञान भी धर्म के समक्ष नतमस्तक नजर आता है। ऐसा ही कुछ होता है उत्तराखंड की राजधानी देहरादून से लगभग 344 किलोमीटर की दूरी पर स्थित कसार देवी मंदिर में।

कसार देवी मंदिर का इतिहास (history of kasar devi temple)

कसार देवी (kasar devi) मंदिर उत्तराखंड के कुमाऊं मंडल के अल्मोड़ा में स्थित देवी माँ का प्रसिद्ध मंदिर है। कहा जाता है कि जिस स्थान पर कसार देवी का मंदिर है उस स्थान पर कभी माता स्वयं अवतरित हुई थी। मां कसार देवी का मंदिर हमेशा से ही देश विदेश के पर्यटकों के लिए ट्रैकिंग की पहली पसंद रहा है। प्रतिवर्ष कार्तिक पूर्णिमा को यहां मां कसार देवी (kasar devi) का मेला भी लगता है जिसमें बड़ी संख्या में श्रद्धालुगण यहां पहुंचते है। साल 1890 में स्वामी विवेकानद भी ध्यान लगाने के लिए यहां पहुंचे थे और स्वामी जी ने यहां कुछ महीने का समय भी बिताया था।

kasar devi video-

क्या है कसार देवी मंदिर की खासियत।

चलिए अब जानते है क्या है कसार देवी मंदिर ( kasar devi temple) की खासियत जिन्हें देखकर विज्ञान भी हैरान है।
कसार देवी मंदिर ( kasar devi temple) के बारे में कहा जाता है कि यहां क्यो प्रकार की शक्तियां मौजूद है जिन्हें स्थानीय लोग दैवीय शक्तियां मानते है हालांकि विज्ञान का इसपर कुछ और कहना है। दरशल कसर देवी के आस पास के क्षेत्र में धरती के भीतर विशाल भू चुम्बकीय (kasar devi temple magnetic field ) पिंड है. इस पिंड में रेडिएशन यानी कि विधुतीय चार्ज कणों की परत पाई गई है। और यही कारण है कि नासा के वैज्ञानिक यहां कई बार शोध कर चुके है हालांकि वे भी एभी तक यहां से जुड़े कई रहस्यों को नही सुलझा पाए है।

वैज्ञानिकों को शोध में ये भी पता चला है कि कसार देवी ( kasar devi temple) मंदिर ,दक्षिण अमेरिका के पेरू में स्थित माचू-पिच्चू तथा इंग्लैंड के स्टोन हैंग में अद्भुत और बिल्कुल अनोखी समानताएं पाई गई है। और यही कारण है कि इस स्थान को चुम्बकीय शक्तियों और अद्वितीय शक्तियों का केंद्र भी माना जाता है।हालांकि नासा (Nasa) अभी भी इसपर शोध कर रहा है कि इस चुम्बकीय ऊर्जा का मानव पर क्या असर पड़ रहा है और सबसे बड़ा सवाल की ये चुम्बकीय पिंड बना कैसे इसके बनने का कारण क्या रहा। आपको बतादें की अमेरिकी संस्था नासा के द्वारा कसार देवी परिसर में जीपीएस 8 केंद्र भी चिन्हित किया गया है।यह पॉइंट मुख्य मंदिर के द्वार के बाई ओर चिन्हित किया गया है जिसपर जीपीएस 8 लिखा गया है।

बहरहाल विज्ञान के इतर अगर श्रद्धालुओं की या यहां जाने वाले पर्यटकों की बात करें तो उनका कहना है कक कसार देवी मंदिर पहुंचकर भक्तों को एक अद्भुत अलौकिक शक्ति का एहसास होता है। यहां पहुंचकर आपको मानसिक शांति की ऐसी अनुभूति होगी जिसके लिए आज की भाग दौड़ भरी जिंदगी में इंसान तरसता है.

कसार देवी कैसे पहुंचे।

कसार देवी आप almora होते हुए जा सकते हैं। अल्मोड़ा शहर से कसार देवी मंदिर करीब साढे 8 किलोमीटर की दूरी पर है।आप अपनी अपनी सहूलियत के हिसाब से वाहनों का इस्तेमाल कर सकते हैं और अगर आप पैदल चलने के शौकीन हैं, तो भी आप इस सफर को आसानी से तय कर सकते हैं।

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देहरादून से कसार देवी ( dehradun to kasardevi )

अगर आप Dehradun से कसार देवी आना चाहते हैं तो आपको सड़क परिवहन का सहारा लेना पड़ेगा। आप हल्द्वानी तक रेल का सहारा भी ले सकते हैं और हल्द्वानी से आप आसानी से सड़क परिवहन के जरिए कसार देवी पहुंच सकते हैं। अगर आप सड़क से देहरादून से कसार देवी आते हैं तो आपको यह पूरा सफर लगभग 344 किलोमीटर का पड़ेगा। अगर आप हवाई यात्रा करके आना चाहते हैं तो आप पंतनगर या पिथौरागढ़ उतर सकते हैं और वहां से अल्मोड़ा के लिए सड़क परिवहन का सहारा ले सकते हैं। सड़क मार्ग से Dehradun से कसार देवी आने के लिए 3 मार्ग हैं जिनका आप सहारा ले सकते हैं। पहला एनएच 109 है। ये मार्ग आपको 344 किलोमीटर का पड़ेगा और इसमें लगभग 9 घंटे का समय लगेगा। दूसरा मार्ग एनएच 109 ही है, लेकिन यह नैनीताल होते हुए आता है। तो अगर आप नैनीताल भी घूमने का प्लान बना रहे हैं तो आप इस रूट का इस्तेमाल कर सकते हैं। इस रूट से कसार देवी आपको 402 किलोमीटर पड़ेगा जिसे तय करने में आपको करीब 10 घंटे का समय लगेगा।

देहरादून से कसार देवी ( kasar devi ) आने के लिए तीसरा मार्ग एनएच 7 है। NH7 के जरिए आप अल्मोड़ा पहुंच सकते हैं इस मार्ग से आने पर आप बागेश्वर होते हुए कसार देवी पहुंचेंगे और यह सफर आपको 379 किलोमीटर का पड़ेगा। इसे तय करने में आपको लगभग एक 11 घंटे 53 मिनट का समय लग सकता है।

दिल्ली से कसार देवी कैसे पहुंचे ( Delhi to kasar devi )

दिल्ली से अगर आप कसार देवी आ रहे हैं तो तब भी आप रेल सेवा की सहायता ले सकते हैं ।आप काठगोदाम तक रेल के जरिए सफर कर सकते हैं और उससे आगे आप सड़क परिवहन की मदद से कसार देवी पहुंच सकते हैं। अगर आप चाहें तो आप विमान के जरिए पंतनगर या पिथौरागढ़ आ सकते है और वह से आप कसार देवी पहुंच सकते है। अगर आप अल्मोड़ा आते है तो आपको कसार देवी मन्दिर जरूर जाना चाहिए।

अगर आप लेख लिखना पसंद करते है और आप अल्मोड़ा के बारे में या मंदिरों या किसी भी ऐतिहासिक धरोहर के बारे लेख लिखना चाहते है और उसे पब्लिश कराना चाहते है तो आप हमें livealmora@gmail .com पर मेल कर सकते है.

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