उत्तराखंड में स्थित प्रसिद्ध तीर्थ स्थल केदारनाथ से गुप्तकाशी लौट रहा एक हेलिकॉप्टर सोमवार सुबह एक बड़े हादसे का शिकार हो गया। आर्यन हेली एविएशन कंपनी का यह हेलिकॉप्टर घने कोहरे और खराब मौसम के कारण रास्ते में ही पेड़ से टकरा गया और दुर्घटनाग्रस्त हो गया। इस दर्दनाक हादसे में पायलट समेत सात लोगों की मौत हो गई। मृतकों में एक 23 महीने की मासूम बच्ची और उसके माता-पिता भी शामिल हैं।

 

हेलिकॉप्टर ने सुबह 5:21 बजे केदारनाथ के हेलिपैड से उड़ान भरी थी। इसमें छह यात्री और एक पायलट सवार थे। कुछ ही मिनट बाद, 5:25 बजे के आसपास, जब यह हेलिकॉप्टर गौरीकुंड से करीब पांच किलोमीटर ऊपर स्थित घने जंगल वाले क्षेत्र ‘गौरी माई खर्क’ में पहुंचा, तभी वहां अचानक घना कोहरा छा गया और दृश्यता शून्य हो गई। इसी कारण हेलिकॉप्टर एक पेड़ से टकरा गया और क्रैश हो गया।

 

हादसा इतना भीषण था कि टक्कर के तुरंत बाद हेलिकॉप्टर में आग लग गई और उसका मलबा भी जल गया। सभी यात्रियों की मौके पर ही मौत हो गई। मृतकों के शवों को एनडीआरएफ, एसडीआरएफ, डीडीआरएफ, पुलिस और यात्रा प्रबंधन बल की टीमों ने घटनास्थल से बरामद किया और उन्हें गौरीकुंड होते हुए जिला अस्पताल रुद्रप्रयाग भेजा गया।

 

पायलट की पहचान लेफ्टिनेंट कर्नल (सेवानिवृत्त) राजवीर सिंह चौहान के रूप में हुई है। वे एक अनुभवी पायलट थे, लेकिन मौसम की विकट परिस्थितियां किसी को भी चौंका सकती हैं। इस हादसे के बाद केदारनाथ हेली सेवा के नोडल अधिकारी राहुल चौबे ने बताया कि हेलिकॉप्टर एकदम सामान्य स्थिति में उड़ान भर रहा था, लेकिन अचानक मौसम बिगड़ गया और कोहरा इतना घना हो गया कि पायलट को सामने का कुछ भी दिखाई नहीं दिया।

 

कार्रवाई में तेजी: एविएशन कंपनी निलंबित, दो पायलटों के लाइसेंस रद्द

 

दुर्घटना के बाद नागरिक उड्डयन महानिदेशालय (DGCA) ने तीखी प्रतिक्रिया दी है। DGCA ने तुरंत आर्यन हेली एविएशन कंपनी की चारधाम यात्रा के लिए हेलिकॉप्टर सेवा को अस्थायी रूप से निलंबित कर दिया है। इसके अलावा, कंपनी के दो मैनेजरों के खिलाफ आपराधिक मामला दर्ज किया गया है।

 

इसी के साथ, ट्रांस भारत एविएशन नामक एक अन्य कंपनी के दो हेलिकॉप्टर भी उसी समय खराब मौसम में उड़ान भरते हुए पाए गए। इस लापरवाही को गंभीरता से लेते हुए, DGCA ने उन दोनों हेलिकॉप्टरों को उड़ा रहे पायलटों के उड़ान लाइसेंस को छह महीने के लिए सस्पेंड कर दिया है।

 

हादसे की जांच उच्च स्तरीय समिति के तहत की जा रही है और DGCA के विशेषज्ञ मौके का दौरा भी कर चुके हैं। जांच के दौरान यह भी देखा जा रहा है कि क्या मौसम पूर्वानुमान की जानकारी यात्रियों और पायलट को समय पर दी गई थी या नहीं।

 

दो दिन के लिए रोकी गई हेलिकॉप्टर सेवा

 

एहतियात के तौर पर, केदारनाथ रूट पर चल रही सभी हेलिकॉप्टर सेवाओं को दो दिनों के लिए अस्थायी रूप से बंद कर दिया गया है। प्रशासन का कहना है कि इस फैसले से जांच में मदद मिलेगी और साथ ही मौसम की स्थिरता के बाद सेवाएं फिर से बहाल की जाएंगी।

 

इस दुर्घटना ने एक बार फिर चारधाम यात्रा के दौरान हेलिकॉप्टर सेवाओं की सुरक्षा पर सवाल खड़े कर दिए हैं। यात्रियों की संख्या तेजी से बढ़ रही है और ऐसे में मौसम की अनदेखी करना जानलेवा साबित हो सकता है।

 

श्रद्धांजलि और अपील

 

राज्य सरकार और जिला प्रशासन ने मृतकों के प्रति गहरा शोक व्यक्त किया है और पीड़ित परिवारों को हरसंभव सहायता देने का आश्वासन दिया है। मुख्यमंत्री ने कहा कि यात्रियों की सुरक्षा सर्वोच्च प्राथमिकता है और ऐसी घटनाओं की पुनरावृत्ति रोकने के लिए ठोस उपाय किए जाएंगे।

 

प्रशासन ने श्रद्धालुओं से अपील की है कि वे मौसम की स्थिति की जानकारी लेकर ही यात्रा करें और यदि मौसम खराब हो, तो हेलिकॉप्टर या सड़क मार्ग से यात्रा करने से बचें। श्रद्धालु जीवन अनमोल है, और सतर्कता ही सबसे बड़ा उपाय है।

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