केदारनाथ धाम की यात्रा इस साल भी श्रद्धालुओं के लिए शुरू हो चुकी है और हर दिन हजारों लोग दर्शन के लिए पहुंच रहे हैं। लेकिन इस पावन यात्रा के बीच एक दुखद खबर सामने आई है। केदारनाथ जाने वाले रास्ते पर दो बुज़ुर्ग श्रद्धालुओं की अचानक तबीयत बिगड़ने से मौत हो गई। दोनों यात्रियों की मौत का कारण हार्ट अटैक माना जा रहा है। ये घटनाएं गौरीकुंड से केदारनाथ जाने वाले पैदल मार्ग पर हुईं। दोनों ही श्रद्धालु अलग-अलग राज्यों से आए थे – एक महाराष्ट्र से और दूसरा आंध्र प्रदेश से।

 

पहली घटना शुक्रवार सुबह लगभग 4 बजे की है। महाराष्ट्र के औरंगाबाद जिले से आए 66 वर्षीय गणेश कुमार शोभालाल गुप्ता, जो श्रीकृष्णा नगर, हुड्को, सीडको कॉलोनी के निवासी थे, अपने साथियों के साथ गौरीकुंड से केदारनाथ के लिए पैदल यात्रा पर निकले थे। वह जैसे ही गौरीकुंड के बड़े गेट से थोड़ा आगे बढ़े, अचानक बेहोश होकर गिर पड़े। उनके साथ चल रहे लोगों ने तुरंत स्थानीय लोगों की मदद से पुलिस और आपदा प्रबंधन विभाग को इसकी जानकारी दी। कुछ ही देर में डीडीआरएफ (राज्य आपदा प्रतिवादन बल) की टीम मौके पर पहुंची और उन्हें तुरंत गौरीकुंड के अस्पताल ले जाया गया। लेकिन डॉक्टरों ने जांच के बाद उन्हें मृत घोषित कर दिया। डॉक्टरों ने आशंका जताई कि उनकी मौत का कारण हार्ट अटैक हो सकता है।

 

दूसरी दुखद घटना उसी दिन दोपहर करीब 11 बजे की है। पैदल यात्रा मार्ग के थारू कैंप के पास एक बुज़ुर्ग यात्री बेहोशी की हालत में मिले। आसपास के यात्रियों और सुरक्षाकर्मियों ने उन्हें अस्पताल पहुंचाने की कोशिश की, लेकिन डॉक्टरों ने उन्हें भी मृत घोषित कर दिया। उनकी पहचान आंध्र प्रदेश के निवासी के रूप में हुई है, लेकिन समाचार लिखे जाने तक उनकी पूरी जानकारी सामने नहीं आई थी। पुलिस ने दोनों ही मृतकों के शवों को पोस्टमार्टम के लिए जिला अस्पताल रुद्रप्रयाग भेज दिया है।

 

इन घटनाओं के बाद प्रशासन ने फिर से अपील की है कि केदारनाथ यात्रा पर आने वाले श्रद्धालु अपनी सेहत की पूरी जांच करवा लें और मेडिकल फिटनेस के बिना कठिन यात्रा पर न निकलें। पहाड़ी रास्ता कठिन और ऊंचाई पर होने के कारण सांस और दिल की बीमारियों से जूझ रहे लोगों के लिए यह यात्रा खतरनाक हो सकती है।

 

स्थानीय डॉक्टरों का कहना है कि हर साल इस यात्रा के दौरान हार्ट अटैक और ऊंचाई के कारण होने वाली बीमारी (हाई एल्टीट्यूड सिकनेस) के मामले सामने आते हैं। इसलिए जरूरी है कि बुज़ुर्ग, बीमार और पहले से किसी स्वास्थ्य समस्या से जूझ रहे लोग सावधानी बरतें।

 

उत्तराखंड सरकार और चारधाम यात्रा प्रबंधन की ओर से यात्रियों के लिए हेल्थ चेकअप की व्यवस्था की गई है और हर श्रद्धालु को यात्रा से पहले स्वास्थ्य प्रमाणपत्र लाना जरूरी किया गया है। इसके बावजूद कुछ लोग बिना पूरी तैयारी के ही यात्रा पर निकल जाते हैं, जो उनके लिए जानलेवा साबित हो सकता है।

 

यह दुखद घटनाएं हमें एक बार फिर यह सोचने पर मजबूर करती हैं कि भक्ति के साथ-साथ सावधानी भी उतनी ही जरूरी है। श्रद्धालु अगर सही तैयारी और स्वास्थ्य जांच के बाद यात्रा पर निकलें, तो यह पावन यात्रा सुखद और सुरक्षित बन सकती है।

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