उधम सिंह नगर जिले के काशीपुर में जमीन हेराफेरी के नाम पर बड़े पैमाने पर ठगी का मामला सामने आया है। पुलिस ने परमार्थ छाबड़ा की शिकायत पर छह से अधिक लोगों के खिलाफ एफआईआर दर्ज कर जांच शुरू कर दी है।
जानकारी के अनुसार, परमार्थ छाबड़ा, जो कपड़े का व्यवसाय करते हैं, की जान-पहचान आईटीआई थाना क्षेत्र के ग्राम बांसखेड़ा निवासी मोहित से थी। आरोप है कि मई 2024 में मोहित ने परमार्थ को ग्राम बक्सौरा में सात एकड़ जमीन का सौदा करने का लालच दिया और इसे महंगे दाम पर बेचने का प्रलोभन दिया।
होटल में मीटिंग:
27 मई 2024 को होटल में मोहित, छीना फार्म ढकिया निवासी अरपिंदर सिंह उर्फ हैप्पी और बलवन्त सिंह के साथ बैठक हुई। आरोपियों ने परमार्थ को कहा कि यदि वह दस लाख रुपये एडवांस देंगे तो जमीन का सौदा सुरक्षित रहेगा और इसे दोगुने दाम पर बेचकर मुनाफा होगा।
सौदा और भुगतान:
परमार्थ और उनके पिता ने 2.50 लाख रुपये एडवांस देकर सौदा तय किया। आरोप है कि मोहित ने व्हाट्सअप के जरिए एक लाख रुपये जमीन मालिक सतनाम सिंह तक पहुंचाने का दावा भी किया।
दबाव में अतिरिक्त भुगतान:
4 जुलाई 2024 को दूसरी मीटिंग में आरोपियों ने कहा कि जमीन मालिक सौदा रद्द कर रहे हैं और इसे बनाए रखने के लिए 25% अतिरिक्त राशि देनी होगी। दबाव में परमार्थ ने 1.30 करोड़ रुपये का भुगतान कर दिया। इसके बाद आरोपियों ने फर्जी एग्रीमेंट बनाकर अरपिंदर सिंह को मालिक दिखाया और नकली दस्तावेज पर साइन करवा लिया।
दूसरी जमीन का सौदा और गिरवी:
इसके बाद परमार्थ और उनके पिता ने बलवन्त सिंह की आठ एकड़ जमीन खरीदने का सौदा किया और 15 लाख रुपये एडवांस दिए। आरोप है कि बलवन्त के साले कुलदीप ने उधार राशि पर ब्याज के साथ जमीन को गिरवी रखने को कहा। परमार्थ के पिता ने अपनी ग्राम किलावली और ग्राम गढ़ीनेगी की जमीन गिरवी रखी, लेकिन बाद में पता चला कि फर्जी दस्तावेजों का इस्तेमाल कर उनका फायदा उठाया गया।
नतीजा:
अभियुक्तों ने सुनियोजित तरीके से परमार्थ और उनके पिता की लगभग 1.65 करोड़ रुपये और करीब 3.75 एकड़ जमीन हड़प ली। पुलिस ने शिकायत के आधार पर मामला दर्ज कर जांच शुरू कर दी है।