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देहरादून: उत्तराखंड में भूमि की कीमतों में अगले कुछ सप्ताह में 15 से 20 प्रतिशत तक की औसत वृद्धि का अनुमान है। प्रदेश सरकार जल्द ही नए सर्किल रेट लागू करने की तैयारी कर रही है। विशेष रूप से देहरादून, हरिद्वार, ऊधमसिंहनगर और नैनीताल जैसे जिलों में सर्किल रेट में भारी बढ़ोतरी की योजना है।

 

पिछले वर्षों में कोरोना महामारी के कारण रियल एस्टेट बाजार ठप रहने से भूमि दरों में अपेक्षित बढ़ोतरी नहीं हो पाई थी। हालांकि, 2023 में औसतन 33.6% की वृद्धि की गई थी, लेकिन इस बार कई क्षेत्रों में यह बढ़ोतरी और अधिक हो सकती है।

 

मैदानी जिलों में 300% तक वृद्धि

रिपोर्ट के मुताबिक, 2832 ऐसे क्षेत्र चिह्नित किए गए हैं जहां जमीन खरीदने के लिए प्रति वर्गमीटर कीमतों में 100 से 300 प्रतिशत तक का उछाल देखा गया है। नए राजमार्गों, राज्य एवं केंद्र की परियोजनाओं और तेजी से विकसित हो रही आवासीय कालोनियों के आस-पास के इलाकों में रेट में विशेष रूप से बड़ा बदलाव होने जा रहा है।

 

पर्वतीय जिलों में हालांकि वृद्धि की दर तुलनात्मक रूप से कम रहेगी। शासन के मुताबिक, सर्किल रेट बढ़ाने का उद्देश्य भूमि बाजार को स्थिर रखना और सरकारी राजस्व में वृद्धि करना है।

 

जिलों से मिले प्रस्तावों में सुधार के निर्देश

उत्तराखंड स्टांप (संपत्ति मूल्यांकन) नियमावली, 2015 के अनुसार, हर वर्ष सर्किल रेट की समीक्षा अनिवार्य है। इस क्रम में शासन ने जिलों से मिले प्रस्तावों को अधिक व्यावहारिक और तार्किक बनाने के निर्देश दिए हैं। स्टांप एवं निबंधन महानिरीक्षक द्वारा इन प्रस्तावों की गहन समीक्षा की जा रही है और कई दौर की बैठकें पहले ही हो चुकी हैं। अगले पखवाड़े के भीतर सभी प्रस्तावों का अंतिम निर्धारण किया जाएगा और इसे राज्य मंत्रिमंडल की मंजूरी के लिए भेजा जाएगा।

 

कृषि और शहरी दोनों क्षेत्रों में बढ़ोतरी प्रस्तावित

सरकार ने कृषि और गैर-कृषि दोनों तरह की भूमि पर सर्किल रेट में वृद्धि का प्रस्ताव रखा है। शहरी सीमा से सटे अर्द्ध-शहरी इलाकों में तेजी से विकसित हो रहीं आवासीय परियोजनाओं पर खास ध्यान दिया जा रहा है।

 

पिछले वर्ष सर्किल रेट में वृद्धि के बाद आशंका जताई गई थी कि इससे जमीन की खरीद-बिक्री पर असर पड़ेगा और राजस्व घट सकता है। लेकिन, इसके उलट, राज्य को स्टांप एवं निबंधन से अच्छी-खासी आय प्राप्त हुई।

 

राजस्व आय में वृद्धि

वित्तीय वर्ष 2023-24 में स्टांप और रजिस्ट्रेशन से 2432 करोड़ रुपये का राजस्व प्राप्त हुआ, जो पिछले वर्ष से 435 करोड़ अधिक था। चालू वित्तीय वर्ष 2024-25 के अंत तक यह आंकड़ा बढ़कर 2665 करोड़ रुपये तक पहुंचने की उम्मीद है।

 

अंतिम निर्णय मंत्रिमंडल के स्तर पर

वित्त सचिव दिलीप जावलकर ने बताया कि इस वर्ष भी सर्किल रेट बढ़ाने के प्रस्तावों पर कार्यवाही की जा रही है। जिलों से प्राप्त मसौदों की समीक्षा के दौरान कुछ खामियां पाई गई थीं, जिन्हें सुधारने के निर्देश दे दिए गए हैं। अगले पंद्रह दिनों में प्रस्तावों को अंतिम रूप दिया जाएगा और राज्य मंत्रिमंडल से इसे स्वीकृति दिलाई जाएगी।

 

राजस्व आय का विवरण (करोड़ रुपये में)

 

| वित्तीय वर्ष | राजस्व आय |

|—————-|————-|

| 2019-2020 | 1072 |

| 2020-2021 | 1107 |

| 2021-2022 | 1488 |

| 2022-2023 | 1987 |

| 2023-2024 | 2432 (अनंतिम) |

| 2024-2025 | 2665 (बजट अनुमान) |

 

सर्किल रेट में बढ़ोतरी से भविष्य में राज्य की आय में और इजाफा होने की उम्मीद है, जिससे राज्य विकास परियोजनाओं के लिए वित्तीय संसाधन जुटा सकेगा।

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