मसूरी के प्रसिद्ध अंग्रेजी लेखक बिल एटकिन का 91 वर्ष की उम्र में देहरादून के एक अस्पताल में निधन हो गया। उनके निधन से साहित्य जगत में शोक की लहर है। बृहस्पतिवार को हरिद्वार में हिंदू रीति रिवाज से उनका अंतिम संस्कार किया गया।

बिल एटकिन की जीवनी

– स्कॉटलैंड में जन्म: बिल एटकिन का जन्म 1934 में स्कॉटलैंड में हुआ था।

– भारत में बसावट: वह 1959 में भारत आ गए और 1966 के आसपास उन्होंने यहां की नागरिकता ले ली।

– साहित्यिक योगदान: बिल एटकिन ने 14 पुस्तकें लिखीं, जिनमें फुटलूज इन द हिमालय, 1000 हिमालयन क्विज, श्री सत्यासाईं बाबा ए लाइफ आदि प्रमुख हैं।

हिंदू रीति रिवाज से अंतिम संस्कार

बिल एटकिन ने 2011 में इच्छा जताई थी कि उनका अंतिम संस्कार हिंदू रीति रिवाज से किया जाए। जिसे देखते हुए उनके परिवार ने उनकी इच्छा का सम्मान करते हुए हिंदू रीति रिवाज से ही अंतिम संस्कार किया।

साहित्य जगत की प्रतिक्रिया

मसूरी के अंग्रेजी लेखक गणेश सैली ने कहा कि बिल एटकिन के निधन से साहित्य जगत को बड़ी क्षति हुई है। उन्होंने बिल एटकिन को एक मिलनसार और अच्छा लेखक बताया। बिल एटकिन के पारिवारिक सदस्य कुशाल सिंह चौहान ने बताया कि बिल एटकिन खुद को वैष्णव दीक्षित हिंदू बताते थे और मंदिरों में जाना, दक्षिणा देना उन्हें बहुत भाता था।

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