देहरादून में अवैध रूप से रह रहे विदेशी नागरिकों के खिलाफ एक बार फिर बड़ी कार्रवाई की गई है। इस बार यह कार्रवाई केवल स्थानीय पुलिस तक सीमित नहीं रही, बल्कि राज्य और केंद्र सरकार की खुफिया तथा सुरक्षा एजेंसियों ने मिलकर ऑपरेशन को अंजाम दिया। जानकारी के अनुसार, राजधानी देहरादून के विभिन्न इलाकों में छापेमारी कर पांच से छह बांग्लादेशी नागरिकों को हिरासत में लिया गया है।
यह संयुक्त कार्रवाई एक बड़ी खुफिया सूचना के आधार पर की गई, जिसमें यह संदेह था कि कुछ विदेशी नागरिक फर्जी दस्तावेजों के सहारे शहर में रह रहे हैं और उनमें से कुछ की गतिविधियाँ संदेह के घेरे में हैं। संबंधित एजेंसियों को जैसे ही इसकी जानकारी मिली, उन्होंने स्थानीय पुलिस को साथ लेकर तुरंत कार्रवाई शुरू कर दी।
पहले भी हुई थी गिरफ्तारी
उल्लेखनीय है कि कुछ दिन पहले भी क्लेमेंटटाउन थाना क्षेत्र से पांच बांग्लादेशी नागरिकों को गिरफ्तार किया गया था। प्रारंभिक जांच में यह सामने आया था कि वे लोग काम की तलाश में देहरादून आए थे और फर्जी पहचान पत्रों के आधार पर यहां किराए पर रह रहे थे। उनमें से एक व्यक्ति पहले भी कई बार देहरादून आ चुका था, जिससे उसकी गतिविधियों को लेकर शक गहराने लगा था।
इन्हीं जानकारियों के आधार पर केंद्रीय एजेंसियों और राज्य की खुफिया इकाइयों ने जांच को विस्तार देते हुए देहरादून के अन्य हिस्सों में भी जानकारी जुटाई। जैसे-जैसे जांच आगे बढ़ी, वैसे-वैसे नए संदिग्धों के बारे में जानकारी सामने आती गई। अंततः एक संयुक्त ऑपरेशन की योजना बनाई गई, जिसमें शहर के अलग-अलग इलाकों में एक साथ छापेमारी की गई।
कड़ी निगरानी के बाद कार्रवाई
बताया जा रहा है कि इस ऑपरेशन की योजना गुप्त तरीके से बनाई गई थी। संबंधित एजेंसियों ने कई दिनों तक कुछ संदिग्ध इलाकों पर नजर रखी और संभावित ठिकानों की पहचान की। इसके बाद ही कार्रवाई को अंतिम रूप दिया गया। कार्रवाई के दौरान कुछ संदिग्धों के पास से पहचान संबंधी दस्तावेज जब्त किए गए हैं, जिनकी जांच की जा रही है। प्रारंभिक तौर पर यह आशंका जताई जा रही है कि कुछ दस्तावेज फर्जी हैं।
आर्थिक और सुरक्षा पहलुओं की जांच
संयुक्त टीम अब इस बात की भी जांच कर रही है कि इन विदेशी नागरिकों की स्थानीय लोगों से क्या संपर्क था और क्या वे किसी बड़े नेटवर्क का हिस्सा हैं। साथ ही यह भी देखा जा रहा है कि कहीं इनका संबंध किसी आपराधिक गतिविधि या राष्ट्रविरोधी संगठन से तो नहीं है।
इसके अलावा, इनकी आमदनी के स्रोत, स्थानीय संपर्क, बैंकिंग गतिविधियों और यात्रा इतिहास को भी खंगाला जा रहा है। कई बार देखा गया है कि फर्जी दस्तावेजों के जरिए लोग न केवल काम करते हैं, बल्कि सरकारी योजनाओं का लाभ भी उठा लेते हैं, जिससे न केवल सुरक्षा बल्कि आर्थिक संसाधनों पर भी असर पड़ता है।
बुधवार को होगा खुलासा
इस पूरे मामले में संबंधित एजेंसियां बुधवार को एक प्रेस वार्ता के माध्यम से विस्तृत जानकारी देने वाली हैं। माना जा रहा है कि इस दौरान गिरफ्तार किए गए संदिग्धों की पहचान, उनकी गतिविधियाँ, और अब तक की जांच के नतीजे सार्वजनिक किए जाएंगे।
स्थानीय लोगों से अपील
प्रशासन की ओर से यह भी अपील की गई है कि यदि किसी को अपने आसपास रहने वाले लोगों पर संदेह हो, विशेष रूप से उनके पहचान पत्र या गतिविधियों को लेकर, तो तुरंत पुलिस या नजदीकी थाने में सूचना दें। राज्य सरकार का कहना है कि प्रदेश की सुरक्षा सुनिश्चित करने के लिए आम नागरिकों की भागीदारी बेहद ज़रूरी है।