उत्तराखंड कैबिनेट की बैठक में आज कई महत्वपूर्ण निर्णय लिए गए। कुल 12 प्रस्तावों को मंजूरी दी गई है, जिनमें उपनल कर्मचारियों से लेकर देवभूमि परिवार योजना तक के मुद्दे शामिल हैं।
प्रदेश में इस समय लगभग 22 हजार उपनल कर्मचारी हड़ताल पर हैं, जिससे कई आवश्यक सेवाएं प्रभावित हो रही हैं। इसी को देखते हुए कैबिनेट बैठक में उपनल कर्मचारियों के वेतन और नियमितीकरण के लिए एक मंत्रिमंडलीय उप-समिति गठित करने का फैसला लिया गया है। यह समिति दो महीने के भीतर अपनी रिपोर्ट सौंपेगी।
बैठक में यह भी निर्णय लिया गया कि उपनल के माध्यम से अब विदेशों में भी रोजगार के अवसर उपलब्ध कराए जाएंगे। इसके अलावा आपदा में मृतक आश्रितों को मुआवजा राशि चार लाख से बढ़ाकर पांच लाख रुपये कर दी गई है। वहीं, पक्का मकान ध्वस्त होने की स्थिति में भी अब पांच लाख रुपये की सहायता राशि दी जाएगी।
कैबिनेट ने दैनिक, संविदा और तदर्थ कर्मचारियों के मामलों को लेकर भी एक उप-समिति गठित करने का निर्णय लिया है, जो नियमितीकरण के लिए कट-ऑफ डेट तय करेगी।
बैठक का एक अन्य अहम फैसला रहा — ‘देवभूमि परिवार योजना’ को पूरे प्रदेश में लागू करना। इस योजना के तहत उत्तराखंड में रह रहे सभी परिवारों की परिवार आईडी तैयार की जाएगी, जिससे सरकारी योजनाओं का लाभ सीधे पात्र परिवारों तक पहुंच सकेगा।
इन सभी फैसलों के साथ राज्य सरकार ने स्पष्ट किया है कि वह कर्मचारियों के हितों और आम जनता की सुविधा दोनों को संतुलित तरीके से आगे बढ़ाने के लिए प्रतिबद्ध है।







