उत्तरकाशी जिले के धराली गांव में मंगलवार को खीरगंगा नदी में अचानक आई बाढ़ ने भारी तबाही मचाई। तेज बारिश और मलबे के साथ आया बाढ़ का पानी बाजार, होटल, होमस्टे और रिहायशी इलाकों में घुस गया, जिससे सामान्य जनजीवन पूरी तरह अस्त-व्यस्त हो गया। प्रशासन की ओर से अब तक चार लोगों की मौत की पुष्टि की गई है, जबकि कई अन्य के लापता होने की आशंका जताई जा रही है।
स्थिति की गंभीरता को देखते हुए राहत एवं बचाव कार्यों में तेजी लाने के लिए सेना और एसडीआरएफ की टीमें मौके पर पहुंच चुकी हैं। बताया जा रहा है कि धराली में 25 से अधिक होटल और होमस्टे पूरी तरह तबाह हो गए हैं। चश्मदीदों के अनुसार, कुछ ही मिनटों में पूरा बाजार पानी और मलबे की चपेट में आ गया।
प्रारंभिक जानकारी के अनुसार, खीरगंगा नदी के ऊपरी क्षेत्र में बादल फटने की वजह से जलस्तर तेजी से बढ़ा और पानी ने बाजार को अपने साथ बहा लिया। लोगों को संभलने का भी मौका नहीं मिला और बाढ़ की आवाज़ ने हर तरफ अफरातफरी मचा दी।
मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने हालात पर चिंता जताते हुए बताया कि राहत कार्य युद्धस्तर पर जारी हैं। एनडीआरएफ, एसडीआरएफ, सेना और जिला प्रशासन मिलकर लोगों को सुरक्षित स्थानों पर पहुंचाने में जुटे हैं। केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने भी राज्य सरकार से बात कर हरसंभव मदद का भरोसा दिया है।
गंगोत्री विधायक सुरेश चौहान ने बताया कि जैसे ही उन्हें मुखबा गांव से आपदा की सूचना मिली, उन्होंने तुरंत मुख्यमंत्री को जानकारी दी और प्रशासन को अलर्ट किया। विधायक स्वयं प्रभावित क्षेत्र का दौरा करने निकल चुके हैं।
उत्तरकाशी पुलिस ने नागरिकों से अपील की है कि वे नदियों और नालों के पास न जाएं और बच्चों व पशुओं को भी दूर रखें।
उधर, बड़कोट क्षेत्र की बनाल पट्टी में भी भारी बारिश के चलते नुकसान की खबरें हैं। कई बकरियों के तेज पानी में बह जाने से पशुपालकों को भारी क्षति हुई है।