Massorie Uttrakhand :मसूरी की सुरम्य वादियों में स्थित भारत की प्रतिष्ठित प्रशासनिक प्रशिक्षण संस्था — लाल बहादुर शास्त्री राष्ट्रीय प्रशासन अकादमी (LBSNAA) — एक बार फिर देश के भावी प्रशासनिक नेतृत्व को तैयार करने में जुटी हुई है। यहाँ इन दिनों 127वां इंडक्शन ट्रेनिंग प्रोग्राम आयोजित किया जा रहा है, जो विशेष रूप से उन अधिकारियों के लिए डिज़ाइन किया गया है जो राज्य सिविल सेवाओं से भारतीय प्रशासनिक सेवा (IAS) में पदोन्नत हुए हैं। यह प्रशिक्षण कार्यक्रम न केवल प्रशासनिक दक्षता को मजबूती देता है, बल्कि अधिकारियों को नीति निर्माण और राष्ट्रीय नेतृत्व की जटिलताओं के लिए भी तैयार करता है।
कार्यक्रम की पृष्ठभूमि
भारतीय प्रशासनिक सेवा में प्रवेश करने वाले दो मार्ग होते हैं — एक UPSC सिविल सेवा परीक्षा के माध्यम से सीधे चयन और दूसरा राज्य सिविल सेवाओं से चयनित अधिकारियों का पदोन्नति के माध्यम से चयन। पदोन्नत अधिकारियों को प्रशासन के उच्चतर स्तरों की जिम्मेदारियों के लिए प्रशिक्षित करने हेतु यह इंडक्शन ट्रेनिंग आवश्यक होती है। इसी क्रम में LBSNAA द्वारा इस विशेष प्रशिक्षण कार्यक्रम का आयोजन किया जाता है, जिसका उद्देश्य है – अधिकारियों को राज्य स्तर की सोच से ऊपर उठाकर राष्ट्र स्तर की भूमिका निभाने के लिए तैयार करना।
प्रतिभागियों की संख्या और विविधता
इस बार के प्रशिक्षण सत्र में देशभर के 19 राज्यों से कुल 97 अधिकारी भाग ले रहे हैं। इनमें 73 पुरुष और 24 महिला अधिकारी शामिल हैं। ये सभी अधिकारी अपने-अपने राज्यों में विभिन्न प्रशासनिक भूमिकाएं निभा चुके हैं और अब उन्हें राष्ट्रीय स्तर पर सेवा देने का अवसर प्राप्त हुआ है। यह प्रशिक्षण उन्हें एक साझा मंच प्रदान करता है, जहाँ वे विविध अनुभवों और दृष्टिकोणों को साझा करते हुए नीतिगत समन्वय और राष्ट्रीय एकता की भावना को मजबूती देते हैं।
विकसित भारत @2047 और मिशन कर्मयोगी
यह प्रशिक्षण कार्यक्रम ‘विकसित भारत @2047’ की परिकल्पना और ‘मिशन कर्मयोगी’ के उद्देश्यों के अनुरूप तैयार किया गया है। विकसित भारत @2047 का लक्ष्य है भारत को स्वतंत्रता के 100 वर्ष पूरे होने तक एक समृद्ध, समावेशी और नवोन्मेषी राष्ट्र बनाना। वहीं मिशन कर्मयोगी, एक ऐसी पहल है जो सरकारी कर्मचारियों को क्षमता, आचरण और दृष्टिकोण में परिवर्तन के माध्यम से ज्यादा जिम्मेदार और उत्तरदायी बनाना चाहती है।
इस कार्यक्रम के माध्यम से अधिकारियों को नेतृत्व, सार्वजनिक नीति, आपदा प्रबंधन, डिजिटलीकरण, सतत विकास लक्ष्य (SDGs), वित्तीय प्रबंधन, केंद्र-राज्य संबंधों, और अंतरराष्ट्रीय सहयोग जैसे विषयों की गहराई से जानकारी दी जाती है।
लोकसभा अध्यक्ष ओम बिरला का विशेष संबोधन
इस प्रशिक्षण सत्र को और अधिक प्रेरक और अर्थपूर्ण बनाने के लिए देश की शीर्ष संस्थाओं से वक्ताओं को आमंत्रित किया जाता है। इसी कड़ी में लोकसभा अध्यक्ष श्री ओम बिरला कार्यक्रम में भाग लेने के लिए मसूरी पहुंचे। उनके दौरे का कार्यक्रम कुछ इस प्रकार रहा: वह सुबह 9:45 बजे जौलीग्रांट एयरपोर्ट पहुंचे और 11:30 बजे LBSNAA पहुंचे। उन्होंने प्रशिक्षु अधिकारियों को संबोधित किया और उसी दिन दिल्ली लौट गए।
श्री बिरला का संबोधन अधिकारियों के लिए बेहद प्रेरक रहा। उन्होंने लोकतांत्रिक मूल्यों, भारतीय संसद की कार्यप्रणाली, विधायी प्रक्रिया और जनता के साथ संवाद बनाए रखने के महत्व पर बल दिया। उन्होंने प्रशासनिक अधिकारियों से अपील की कि वे जनहित को सर्वोपरि रखते हुए पारदर्शिता, उत्तरदायित्व और संवेदनशीलता के साथ अपने कर्तव्यों का निर्वहन करें।
प्रशिक्षण का शैक्षणिक ढांचा
LBSNAA का यह कार्यक्रम 8 से 16 सप्ताह की अवधि का होता है, जिसमें शैक्षणिक व्याख्यानों, केस स्टडीज़, सिमुलेशन अभ्यासों और फील्ड विज़िट्स का समावेश होता है। प्रशिक्षु अधिकारियों को नीति विश्लेषण, कानून व्यवस्था, सार्वजनिक प्रशासन, टेक्नोलॉजी इन गवर्नेंस, और एथिक्स जैसे प्रमुख विषयों में गहन प्रशिक्षण दिया जाता है।
इसके अतिरिक्त, प्रशिक्षण में अनुभव साझा करने वाले सेशन्स, समूह चर्चा, भारत दर्शन (study tours), और वरिष्ठ अधिकारियों से संवाद भी शामिल होते हैं, जो प्रतिभागियों की व्यावहारिक समझ को और मजबूत करते हैं।
प्रशासनिक सेवा में यह प्रशिक्षण क्यों है ज़रूरी?
राज्य सेवाओं से आए अधिकारियों को अक्सर अपने-अपने क्षेत्रों में गहरा अनुभव होता है, लेकिन केंद्र सरकार की योजनाएं, अंतर-मंत्रालयी समन्वय और नीति-निर्माण के आयाम अपेक्षाकृत नए होते हैं। इसलिए यह इंडक्शन कार्यक्रम उन्हें इन विषयों से परिचित कराने के लिए आवश्यक होता है। साथ ही, यह उन्हें राष्ट्रीय परिप्रेक्ष्य में सोचने, निर्णय लेने और नेतृत्व करने के लिए भी तैयार करता है।
निष्कर्ष
LBSNAA में चल रहा 127वां इंडक्शन ट्रेनिंग प्रोग्राम न केवल एक औपचारिक प्रशिक्षण है, बल्कि यह भारतीय प्रशासनिक व्यवस्था को नई पीढ़ी के नेतृत्व से जोड़ने की एक सशक्त प्रक्रिया है। इस कार्यक्रम के माध्यम से पदोन्नत अधिकारी सिर्फ प्रशासनिक दक्षता ही नहीं, बल्कि लोकतंत्र, उत्तरदायित्व, और संवेदनशीलता जैसे मूल्यों से भी सशक्त होकर निकलते हैं।
लोकसभा अध्यक्ष का मार्गदर्शन और राष्ट्रीय दृष्टिकोण से समृद्ध यह प्रशिक्षण भारत को 2047 तक एक विकसित राष्ट्र बनाने की दिशा में प्रशासनिक स्त
र पर एक ठोस कदम साबित हो सकता है।

