देहरादून जिले के सरकारी विद्यालयों में मध्याह्न भोजन (मिड-डे मील) योजना की हालत हाल ही में तब उजागर हुई जब पता चला कि जिले के 125 प्राथमिक और जूनियर स्कूलों में अभी तक रसोईघर ही नहीं बने हैं। यह चौंकाने वाला तथ्य उस समय सामने आया जब जिले में एक महत्वपूर्ण योजना की समीक्षा बैठक हो रही थी।

 

इन स्कूलों में बच्चों के लिए जो भोजन तैयार किया जाता है, वह खुले में पकाया जा रहा है। इससे भोजन की स्वच्छता, गुणवत्ता और पोषण मूल्य पर गंभीर सवाल उठते हैं। खुले में भोजन पकाने से जहां एक ओर खाद्य प्रदूषण की संभावना रहती है, वहीं दूसरी ओर बच्चों के स्वास्थ्य पर भी खतरा मंडराता है।

 

इस स्थिति को गंभीरता से लेते हुए जिला प्रशासन ने तत्काल कार्यवाही की है। जिला स्तर पर एक महत्वपूर्ण बैठक के दौरान यह निर्णय लिया गया कि इन 125 स्कूलों में जल्द से जल्द रसोई घर बनाए जाएंगे। इसके लिए ‘अनटाइड फंड’ से एक करोड़ रुपये की राशि स्वीकृत की गई है। यह निर्णय शिक्षा व्यवस्था में एक सकारात्मक बदलाव की दिशा में कदम माना जा रहा है।

 

जिलाधिकारी ने निर्देश दिए हैं कि रसोई निर्माण का कार्य शीघ्रता से और गुणवत्ता के साथ पूर्ण किया जाए। उन्होंने संबंधित विभागों को स्पष्ट शब्दों में चेताया कि इस कार्य में किसी भी प्रकार की लापरवाही या देरी बर्दाश्त नहीं की जाएगी। बच्चों को मिलने वाला भोजन सिर्फ पेट भरने का माध्यम नहीं है, बल्कि यह उनके संपूर्ण विकास और स्वास्थ्य के लिए आवश्यक पोषण का साधन भी है।

 

पोषण और स्वच्छता पर विशेष जोर

 

रसोईघर निर्माण का उद्देश्य सिर्फ एक ढांचा खड़ा करना नहीं है, बल्कि उसके माध्यम से यह सुनिश्चित करना है कि बच्चों को स्वच्छ, पोषक और गुणवत्ता युक्त भोजन उपलब्ध हो। बैठक के दौरान इस बात पर विशेष जोर दिया गया कि भोजन तैयार करते समय स्वच्छता मानकों का कड़ाई से पालन हो, और भोजन में आवश्यक पोषक तत्व जैसे प्रोटीन, आयरन, कैल्शियम आदि की भरपूर मात्रा हो।

 

मिड-डे मील योजना का मुख्य उद्देश्य बच्चों में कुपोषण को रोकना, विद्यालयों में उपस्थिति बढ़ाना और शिक्षा के प्रति रुचि को प्रोत्साहित करना है। यदि इस योजना का क्रियान्वयन सही ढंग से किया जाए तो यह बच्चों के भविष्य को बेहतर बनाने में महत्वपूर्ण भूमिका निभा सकती है।

 

695 जीर्णशीर्ण स्कूलों की रसोई में होगी मरम्मत

 

सिर्फ नए रसोई घरों का निर्माण ही नहीं, बल्कि पहले से मौजूद जर्जर और जीर्ण-शीर्ण रसोई घरों की भी मरम्मत की जाएगी। जिले में कुल 695 ऐसे विद्यालय चिह्नित किए गए हैं, जहां रसोईघर की हालत खराब है। इन सभी को जिला योजना में शामिल किया गया है, और जल्द ही इनकी मरम्मत का कार्य शुरू किया जाएगा।

 

बैठक में इस बात पर भी चर्चा हुई कि भविष्य में ऐसे हालात न बनें, इसके लिए निगरानी तंत्र को और मजबूत बनाया जाए। प्रत्येक विद्यालय की समय-समय पर समीक्षा की जाए और जो कमियां सामने आएं, उन्हें तत्काल दूर किया जाए।

 

अतिरिक्त न्यूट्रीशन सप्लीमेंट और बच्चों के सर्वांगीण विकास पर भी चर्चा

 

बैठक के दौरान सिर्फ रसोई निर्माण तक ही चर्चा सीमित नहीं रही। इसमें मिड-डे मील के साथ दिए जाने वाले अतिरिक्त न्यूट्रीशनल सप्लीमेंट्स, बच्चों की सेहत, वजन और हाइट की निगरानी, तथा अन्य विकासात्मक पहलुओं पर भी गंभीरता से चर्चा हुई। यह सुनिश्चित करने का प्रयास किया जा रहा है कि हर बच्चा न केवल स्कूल आए, बल्कि सेहतमंद, तंदुरुस्त और पढ़ाई के लिए प्रेरित रहे।

 

भविष्य की राह

 

यह निर्णय देहरादून जिले में शिक्षा और पोषण के क्षेत्र में एक महत्वपूर्ण कदम माना जा रहा है। जहां एक ओर प्रशासन की तत्परता ने बच्चों के स्वास्थ्य और स्वच्छता के प्रति गंभीरता दिखाई है, वहीं दूसरी ओर यह सभी जिलों के लिए एक उदाहरण बन सकता है कि प्राथमिक शिक्षा और बच्चों के पोषण को सर्वोच्च प्राथमिकता दी जाए।

 

सरकारी प्रयासों के साथ-साथ यह भी आवश्यक है कि स्थानीय समाज, शिक्षकगण, और अभिभावक मिलकर इस योजना की निगरानी करें ताकि मिड-डे मील योजना सही उद्देश्य के साथ अपने

लक्ष्यों को प्राप्त कर सके।

Share.
Leave A Reply

Live Almora

Stay connected with Live Almora – your trusted source for local news, events, and updates from Almora and across Uttarakhand. Real stories, real voices, right from the hills.

Contact Us-  
Aryan Sharma
Kalli mitti gaon
Thano road
Raipur dehradun
Phone – 91934 28304

Exit mobile version