देहरादून। राजधानी देहरादून के मियांवाला क्षेत्र के नाम परिवर्तन को लेकर पिछले कुछ दिनों से चल रहे विवाद पर अब विराम लग गया है। क्षेत्रवासियों के तीव्र विरोध और ऐतिहासिक तथ्यों के आधार पर दी गई आपत्तियों के बाद उत्तराखंड के मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने यह साफ कर दिया है कि मियांवाला का नाम बदला नहीं जाएगा। मुख्यमंत्री ने स्थानीय जनता की भावनाओं का सम्मान करते हुए अधिकारियों को इस प्रक्रिया पर तत्काल प्रभाव से रोक लगाने के निर्देश दिए हैं।
नामकरण के प्रस्ताव पर उठा विवाद, जनता ने जताई नाराज़गी
हाल ही में राज्य सरकार द्वारा प्रदेश के विभिन्न क्षेत्रों के नामों को भारतीय संस्कृति और परंपरा के अनुरूप परिवर्तित करने की योजना बनाई गई थी। इसी कड़ी में देहरादून के मियांवाला क्षेत्र का नाम ‘रामजी नगर’ किए जाने का प्रस्ताव सामने आया। जब यह जानकारी समाचार माध्यमों के जरिये स्थानीय निवासियों तक पहुंची, तो उन्होंने एकजुट होकर इसका विरोध शुरू कर दिया।
स्थानीय लोगों का कहना है कि ‘मियांवाला’ केवल एक नाम नहीं, बल्कि यह क्षेत्र की ऐतिहासिक और सांस्कृतिक पहचान का प्रतीक है। उनका कहना है कि यह नाम गुलेर रियासत के उन राजपूतों से जुड़ा है, जिन्हें टिहरी रियासत के शासकों द्वारा ‘मियां’ की उपाधि दी गई थी और उन्हें इसी क्षेत्र में भूमि आवंटित की गई थी। समय के साथ यह क्षेत्र गुलेर राजपूतों की सांस्कृतिक विरासत के रूप में प्रसिद्ध हो गया।
मुख्यमंत्री से भेंट कर रखा विरोध का पक्ष
शनिवार को भाजपा नेता कुलदीप बुटोला के नेतृत्व में बड़ी संख्या में मियांवाला क्षेत्र के निवासी मुख्यमंत्री धामी से मिले और प्रस्तावित नाम परिवर्तन के खिलाफ अपना पक्ष मजबूती से रखा। उन्होंने मुख्यमंत्री को बताया कि यह नाम केवल एक भौगोलिक पहचान नहीं, बल्कि एक ऐतिहासिक विरासत का हिस्सा है, जिसे बदलना जनभावनाओं के साथ अन्याय होगा।
मुख्यमंत्री ने उनकी बातों को गंभीरता से सुनते हुए आश्वासन दिया कि जनता की भावनाओं का सम्मान किया जाएगा और मियांवाला का नाम पूर्ववत ही रहेगा।
पूर्व में जनप्रतिनिधियों ने किया था समर्थन, लेकिन जनता की चली बात
गौरतलब है कि इससे पहले कुछ जनप्रतिनिधियों, जिनमें क्षेत्रीय विधायक और महापौर शामिल थे, ने मुख्यमंत्री से मिलकर ‘रामजी नगर’ नामकरण का समर्थन किया था और इसे भारतीय संस्कृति से जुड़ा हुआ कदम बताया था। हालांकि, जनता की एकजुटता और मियांवाला नाम से जुड़ी ऐतिहासिकता के कारण सरकार को इस फैसले पर पुनर्विचार करना पड़ा।
स्थानीय लोगों में राहत, ऐतिहासिक पहचान को मिला संरक्षण
मुख्यमंत्री की इस घोषणा के बाद मियांवाला क्षेत्र में संतोष और राहत का माहौल है। स्थानीय निवासियों ने सरकार के इस निर्णय का स्वागत किया है और मुख्यमंत्री का आभार प्रकट करते हुए कहा है कि यह निर्णय ऐतिहासिक विरासत को संरक्षित रखने की दिशा में एक सराहनीय कदम है।
अगर चाहो तो मैं इसमें स्थानीय लोगों की प्रतिक्रियाएं, नाम बदलने के पीछे की राजनीतिक चर्चा या भविष्य की संभावनाएं भी जोड़ सकता हूँ।