पर्यटन नगरी नैनीताल में अब ठहरने से ज्यादा खर्च वहां प्रवेश करने में होगा। उत्तराखंड सरकार दिसंबर से बाहरी राज्यों के वाहनों पर ग्रीन टैक्स लगाने जा रही है। यह टैक्स पर्यावरण संरक्षण की दिशा में एक कदम बताया जा रहा है, लेकिन इससे पर्यटकों की जेब पर अतिरिक्त बोझ पड़ना तय माना जा रहा है।
जानकारी के मुताबिक, दोपहिया वाहनों को ग्रीन टैक्स से छूट दी जाएगी, जबकि चारपहिया वाहनों को इसके लिए 80 रुपये प्रतिदिन चुकाने होंगे। फिलहाल नैनीताल में प्रवेश के लिए बाहरी वाहनों से 300 रुपये टोल टैक्स और 500 रुपये पार्किंग शुल्क वसूला जाता है। ऐसे में नए टैक्स के लागू होने के बाद किसी कार से नैनीताल में प्रवेश करने पर कुल 880 रुपये का शुल्क देना होगा। इसमें होटल और खाने-पीने का खर्च शामिल नहीं है। यानी सिर्फ “खुली हवा में सांस लेने” की कीमत अब 880 रुपये तक पहुंच जाएगी।
गर्मी के सीजन में नैनीताल में देशभर से सैलानियों का तांता लगा रहता है। इन दिनों भी दिल्ली समेत कई शहरों में बढ़ते प्रदूषण के बीच लोग पहाड़ों की ताजी हवा लेने यहां पहुंच रहे हैं। ऐसे में नया ग्रीन टैक्स लागू होना पर्यटकों की जेब पर भारी पड़ सकता है।
नगर पालिका नैनीताल के ईओ रोहिताश शर्मा ने बताया कि, “राज्य सरकार की ओर से जारी होने वाली ग्रीन टैक्स गाइडलाइन के अनुसार ही शुल्क वसूला जाएगा। फिलहाल छोटे वाहनों के लिए 80 रुपये प्रति प्रवेश की दर तय की गई है। नैनीताल में केवल छोटे वाहन ही प्रवेश कर सकते हैं।”
पर्यटन कारोबारियों की नाराजगी
पर्यटन कारोबार से जुड़े लोगों ने इस फैसले पर नाराजगी जताई है। उनका कहना है कि पहले से ही टोल टैक्स और पार्किंग शुल्क के कारण सैलानियों को नैनीताल महंगा लगने लगा है, ऐसे में नया टैक्स पर्यटन उद्योग पर नकारात्मक असर डाल सकता है।
पर्यटन कारोबारी राजकुमार गुप्ता का कहना है, “ऑफ सीजन में जहां होटल के कमरे 800 रुपये या उससे कम में मिल जाते हैं, वहीं वाहनों का प्रवेश शुल्क ही अब कमरे के किराये से ज्यादा हो जाएगा। इससे बजट ट्रैवलर्स नैनीताल आने से हिचकेंगे।”
वहीं पंगोट होटल एंड कैंप एसोसिएशन के अध्यक्ष त्रिभुवन फर्त्याल ने कहा, “एक ओर सरकार ‘एक राष्ट्र–एक टैक्स’ की बात करती है, और दूसरी ओर पर्यावरण के नाम पर नया टैक्स लागू कर रही है। पहले से ही वाहनों के प्रवेश और पार्किंग पर पर्याप्त शुल्क लिया जा रहा है, ऐसे में अतिरिक्त टैक्स लगाना पर्यटन कारोबार को नुकसान पहुंचा सकता है।”
ग्रीन टैक्स को लेकर जहां सरकार इसे पर्यावरण संरक्षण की दिशा में जरूरी कदम बता रही है, वहीं स्थानीय कारोबारी और पर्यटक इसे आर्थिक बोझ के रूप में देख रहे हैं। अब देखना होगा कि यह नया टैक्स नैनीताल की अर्थव्यवस्था और पर्यटन उद्योग को कितना प्रभावित करता है।

