केदारनाथ यात्रा के लिए हेली सेवा टिकट बुकिंग में साइबर ठगी का नया मामला सामने आया है*, जिसने व्यवस्थाओं पर कई सवाल खड़े कर दिए हैं। यह मामला मंगलवार को बंगलूरू निवासी अजय कुमार के साथ घटित हुआ, जिन्होंने खुद इस धोखाधड़ी की जानकारी दी।
विंडो बंद होते ही आया कॉल, अजय रहे सन्न
अजय कुमार मंगलवार को दोपहर से ही केदारनाथ हेली टिकट बुक करने की कोशिश कर रहे थे। उन्होंने वेबसाइट पर अपनी सारी जानकारी भर दी थी और ओटीपी (वन टाइम पासवर्ड) का इंतजार कर रहे थे। तभी अचानक सूचना आई कि बुकिंग विंडो बंद हो चुकी है। पर इसी दौरान, महज कुछ सेकंड बाद ही उनके मोबाइल पर एक अनजान नंबर से कॉल आया।
फोन करने वाले ने दावा किया कि वह मई महीने की मनचाही तारीख का हेलीकॉप्टर टिकट उपलब्ध करवा सकता है। चौंकाने वाली बात यह थी कि कॉल करने वाले को न केवल बुकिंग विंडो बंद होने की जानकारी थी, बल्कि यह भी पता था कि अजय टिकट बुक करने की कोशिश कर रहे हैं।
तीन टिकटों के लिए मांगे गए 25 हजार रुपये
अजय को इस यात्रा में दो अन्य लोगों के साथ जाना था। कॉल करने वाले ने तीनों टिकटों के लिए 25,000 रुपये की मांग की। इस पर अजय को संदेह हुआ और उन्होंने तुरंत मामले की जानकारी अमर उजाला को दी। अमर उजाला की टीम ने उसी नंबर पर संपर्क किया, जिससे अजय को कॉल आया था।
क्या तकनीक से निगरानी कर रहे हैं ठग?
अब सबसे बड़ा सवाल यह उठ रहा है कि क्या ये साइबर ठग उन लोगों की भी निगरानी कर रहे हैं जो आधिकारिक वेबसाइट के माध्यम से टिकट बुक करने की कोशिश कर रहे हैं? क्या उनके पास ऐसी कोई तकनीक है जिससे उन्हें रीयल-टाइम में जानकारी मिल रही है कि कौन टिकट बुक करने की कोशिश कर रहा है?
ये सब सवाल अब जांच के दायरे में हैं। विशेषज्ञों का मानना है कि यह कोई सामान्य ठगी नहीं है, बल्कि ठग तकनीक का इस्तेमाल कर वास्तविक बुकिंग गतिविधियों पर नजर बनाए हुए हैं।
साइबर पुलिस कर रही है निगरानी, लेकिन शिकायत नहीं पहुंची
साइबर पुलिस थाना पहले से ही सोशल मीडिया और इंटरनेट पर चल रहे फर्जी विज्ञापनों पर निगरानी कर रहा है। मगर, अभी तक इस तरह की कोई औपचारिक शिकायत उनके पास दर्ज नहीं हुई है।
सीओ साइबर क्राइम अंकुश मिश्रा का कहना है कि, “ऐसे कई नंबरों की शिकायतें आती हैं जिन्हें जांच के बाद बंद करवाया जाता है। यदि इस मामले में भी शिकायत मिलती है तो जांच की जाएगी और दोषियों को ट्रैक किया जाएगा।”
यात्रियों को दी जा रही चेतावनी
साइबर एक्सपर्ट्स और प्रशासन की ओर से यात्रियों को चेताया जा रहा है कि वे केवल सरकारी पोर्टल या अधिकृत वेबसाइट*के माध्यम से ही टिकट बुक करें। किसी भी सोशल मीडिया विज्ञापन या अनजान कॉल के झांसे में न आएं।