मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने मंगलवार को मुख्यमंत्री कैम्प कार्यालय, मुख्य सेवक सदन में सूचना एवं संचार प्रौद्योगिकी आधारित कई नई सेवाओं का शुभारंभ किया। इन पहलों में डिजिटल उत्तराखंड ऐप, S3Waas प्लेटफॉर्म पर आधारित 66 नई सरकारी वेबसाइटें, शहरी क्षेत्रों में कूड़ा उठाने वाले वाहनों की रीयल-टाइम ट्रैकिंग के लिए जीआईएस वेब ऐप, 1905 सीएम हेल्पलाइन में एआई नवाचार, और अतिक्रमण निगरानी हेतु वेब-आधारित ऐप शामिल हैं।
मुख्य घोषणाएं
1. भविष्य की जरूरतों को देखते हुए राज्य में नेक्स्ट-जनरेशन डेटा सेंटर बनाया जाएगा, जिसमें डिजास्टर रिकवरी का अलग तंत्र भी होगा।
2. एआई मिशन की शुरुआत होगी, जिसे एक उत्कृष्टता केंद्र (Centre of Excellence) के रूप में विकसित किया जाएगा।
3. नेक्स्ट-जनरेशन रिमोट सेंसिंग और ड्रोन एप्लीकेशन सेंटर की स्थापना होगी।
4. राज्य में एक विशेष आईटी कैडर बनाने की दिशा में काम किया जाएगा।
मुख्यमंत्री ने कहा कि उत्तराखंड को तकनीकी रूप से सक्षम बनाने के लिए “हिल से हाइटेक” का मंत्र अपनाया गया है। डिजिटल उत्तराखंड ऐप से लोग घर बैठे ही सरकारी सेवाओं का लाभ ले सकेंगे, जिससे दफ्तरों के चक्कर लगाने की आवश्यकता नहीं होगी। यह पहल ‘मिनिमम गवर्नमेंट – मैक्सिमम गवर्नेंस’ के लक्ष्य को आगे बढ़ाएगी।
नई वेबसाइटें सुरक्षित और पारदर्शी तरीके से विभागीय जानकारी जनता तक पहुंचाएंगी। जीआईएस वेब ऐप शहरी क्षेत्रों में कचरा प्रबंधन की निगरानी करेगा, जबकि अतिक्रमण ऐप से कोई भी नागरिक फोटो या वीडियो भेजकर शिकायत दर्ज कर सकेगा, जिस पर तुरंत कार्यवाही होगी। सीएम हेल्पलाइन में एआई तकनीक से शिकायतों का ऑटो-केटेगराइजेशन और फॉलो-अप और अधिक प्रभावी होगा।
सरकार ई-शिक्षा, ई-हेल्थ और भूलेख डिजिटलीकरण को प्राथमिकता दे रही है। स्मार्ट क्लासरूम, ई-लर्निंग प्लेटफॉर्म, टेलीमेडिसिन और ई-संजीवनी सेवाओं का विस्तार किया जा रहा है। ‘अपणी सरकार’ पोर्टल पर 886 सेवाएं ऑनलाइन उपलब्ध हैं और राज्य के 95% गांवों में दूरसंचार सुविधा पहुंच चुकी है।
इस अवसर पर विधायक खजानदास, वरिष्ठ अधिकारी, विभागाध्यक्ष और नगर आयुक्त देहरादून सहित कई ग
णमान्य लोग उपस्थित थे।