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दून में प्रतियोगी परीक्षा की तैयारी कर रहे एक युवक को नशा तस्करी के आरोप में गिरफ्तार करने का डर दिखाकर साइबर ठगों ने 63 घंटे तक “डिजिटल अरेस्ट” में रखा और 2.38 लाख रुपये हड़प लिए। यह घटना 24 अगस्त की देर रात से लेकर 27 अगस्त की शाम तक चली। ठगों ने खुद को कस्टम विभाग और साइबर सेल के अधिकारी बताकर युवक को फंसाया और उस पर मानसिक दबाव बनाकर यह ठगी की। युवक की शिकायत पर साइबर थाना पुलिस ने मामला दर्ज कर जांच शुरू कर दी है।

 

#### किस तरह हुआ धोखाधड़ी का जाल

 

पीड़ित युवक, उदय शर्मा, जो कि प्रतियोगी परीक्षाओं की तैयारी कर रहा है, ने बताया कि 24 अगस्त की रात तीन बजे के करीब उसे एक अनजान नंबर से कॉल आई। कॉलर ने खुद को दिल्ली साइबर सेल का अधिकारी बताया और यह दावा किया कि उदय के नाम से एक कुरियर पकड़ा गया है जिसमें नशीली सामग्री और अवैध पासपोर्ट मिले हैं।

 

कॉलर ने यह भी कहा कि मामला गंभीर है और इसे निपटाने के लिए उसे लगातार वीडियो कॉल पर रहने को कहा गया। इसके बाद एक व्यक्ति ने वीडियो कॉल पर खुद को साइबर पुलिस का सब-इंस्पेक्टर प्रदीप सावंत बताया, जो पुलिस की वर्दी में था। उसने उदय को धमकी दी कि अगर उसने किसी से बात की या कॉल रिसीव की, तो उसे और उसके परिवार को गिरफ्तार कर लिया जाएगा।

 

#### 63 घंटे तक “डिजिटल अरेस्ट” में फंसाए रखा

 

उदय को वीडियो कॉल पर लगातार बनाए रखा गया और उस पर मानसिक दबाव डालकर उसके बैंक खाते से 2.38 लाख रुपये विभिन्न खातों में ट्रांसफर करवा लिए गए। जब उसके खाते में पैसे खत्म हो गए, तब ठगों ने कॉल काट दी। इस दौरान उदय को 63 घंटे तक “डिजिटल अरेस्ट” में रखा गया, जिससे वह किसी से संपर्क भी नहीं कर सका।

 

#### साइबर ठगी के बढ़ते मामले

 

वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक, एसटीएफ, आयुष अग्रवाल के अनुसार, साइबर ठगी के मामलों में “डिजिटल अरेस्ट” की घटनाएं तेजी से बढ़ रही हैं। ठग अपराध के डर से लोगों को मानसिक दबाव में लाकर उन्हें लंबे समय तक वीडियो कॉल पर बांधकर रखते हैं और उनके बैंक खातों से पैसे निकाल लेते हैं।

 

#### ऐसे बचें साइबर ठगी से

 

– किसी अनजान कॉल या संदेश में दिए गए लिंक पर क्लिक न करें।

– अपनी व्यक्तिगत और बैंकिंग जानकारी किसी से साझा न करें।

– मजबूत पासवर्ड का उपयोग करें और अपने डिवाइस को नियमित रूप से अपडेट रखें।

– थर्ड पार्टी एप्लिकेशन डाउनलोड करने से बचें और सिर्फ आधिकारिक स्रोतों से ही ऐप इंस्टॉल करें।

 

साइबर अपराध से सतर्क रहना और जागरूकता ही इस तरह के धोखाधड़ी से बचनेका सबसे कारगर तरीका है।

 

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